देवब्रत मंडल
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इन दिनों गया नगर निगम क्षेत्र में “साफ-सुथरा हो गया” अभियान पूरे तामझाम के साथ चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत पिछले दिनों गया नगर निगम द्वारा वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट्स का निरीक्षण एवं आवश्यक दिशा-निर्देश पदाधिकारी द्वारा किया व दिया गया। परंतु इसकी हकीकत से रूबरू होने के लिए जब ‘मगध लाइव’ की टीम शहरी क्षेत्र में निकले तो कुछ और ही नजर आया।
डोर टू डोर कचरा उठाव करते हुए कर्मियों को देखा गया लेकिन कचरे को जिस ठेले पर कचरे को एकत्र कर डंपिंग पॉइंट्स पर ले जाया जाता है ले जाया जाना है वो ठेला ही बेकार साबित हो चला है। ऐसे में कचरा प्रबंधन निचले स्तर पर ही दम तोड़ते नजर आया।
इस कार्य में लगे कर्मचारियों का कहना था कि कई बार अपने वार्ड के जमादार से कहा कि ठेला खराब है। परंतु मरम्मत नहीं कराया गया है। जबकि जमादार का कहना है कि हम अपने उपर वाले पदाधिकारी को इस समस्या से अवगत कराते हुए आ रहे हैं। यहां तक कि वार्ड पार्षद से भी ठेला खराब होने की बात बताई लेकिन कुछ नहीं होता है। सफाई कर्मचारी बेचारे क्या करें।
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वहीं कई मकान मालिक ने बताया कि उनके घर पर कचरा रखने वाला डब्बा नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण मजबूर हो कर कचरे को इधर उधर फेंकना पड़ता है। एक वार्ड पार्षद ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि डब्बा वितरण करने के लिए वैसे घर और मकान मालिक की सूची तैयार किया जा रहा है। जल्द ही ऐसे घरों के मालिक को कचरा रखने वाला डब्बा उपलब्ध करवा दिया जाएगा। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस अभियान की सफलता की सीढ़ी का पहला पायदान ही दुर्बल हो तो शिखर तक कैसे पहुंचा जाएगा? केवल नैली स्थित वेस्ट प्रोसेसिंग साइट का निरीक्षण करने से क्या होने वाला है। कचरा प्रबंधन एवं प्रसंस्करण की समग्र समीक्षा से पहले इस तरह की समस्याओं का हल निकालने की जरूरत है।