देवब्रत मंडल
गया शहर में एक नाबालिग बालिका का विवाह होते-होते टल गया। समय पर मिली सूचना और त्वरित कार्रवाई ने बाल विवाह को रोकने में अहम भूमिका निभाई। चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर जिला बाल संरक्षण इकाई, गया के प्रभारी सहायक निदेशक अविनाश कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी (सदर), गया किसलय श्रीवास्तव को सूचित किया, जिसके बाद कोतवाली थाना और चाइल्ड हेल्पलाइन गया की टीम ने मौके पर पहुंचकर विवाह प्रक्रिया को रोक दिया।
समय पर कार्रवाई से बचा भविष्य
मामले की जानकारी मिलने पर संबंधित अधिकारियों ने विवाह स्थल पर पहुंचकर आवश्यक कार्रवाई की। इसके बाद बालिका को काउंसलिंग दी गई, जिसमें उसे बाल विवाह के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक दुष्प्रभावों के बारे में बताया गया। साथ ही, उसे अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया गया। बालिका के पिता ने वादा किया कि वे 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद ही उसका विवाह करेंगे।
बाल विवाह के खिलाफ ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान
भारत में बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो बच्चों के भविष्य और समाज की प्रगति को बाधित करती है। इस कुप्रथा के खिलाफ केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा शुरू किए गए ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के तहत जागरूकता और सख्त कार्रवाई पर जोर दिया जा रहा है।
समाज के लिए प्रेरणा
प्रभारी सहायक निदेशक अविनाश कुमार ने अपील की कि यदि किसी भी स्थान पर बाल विवाह की सूचना हो, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर कॉल करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि सूचक का नाम और पता गोपनीय रखा जाएगा।