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वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

गया नगर निगम में फिर से एक बार स्थितियां कुछ बदली हुई नजर आने लगी है। राज्य सरकार द्वारा नगर आयुक्त को भेजे गए एक पत्र के बाद निगम में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। चर्चा होने लगी है कि क्या निविदा प्रक्रिया रद्द कर दिया जा सकता है या कुछ दिनों के लिए निविदा प्रक्रिया पर विराम लग जायेगा। दरसअल, यह मामला पहले कुछ वार्ड पार्षदों ने उठाया था लेकिन जब इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया तो राजद के गया जिलाध्यक्ष ने इस मामले को सरकार तक पहुंचा दिया। तब सरकार की ओर से एक पत्र भेज कर नगर आयुक्त को इस मामले को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है।

*आइये जानें क्या था मामला*, *पार्षदों ने क्या की थी शिकायत

गया नगर निगम गया

संदर्भ संख्या.139/23
दिनांक 05/09/2003

सेवा में,

श्रीमान् नगर आयुक्त महोदया

गया नगर निगम गया ।

विषय :- गया नगर निगम बोर्ड की बैठक 24.08.23 को एजेन्डा सं0 2 सम्पुर्ण निगम क्षेत्र में वार्ड वार पथ नाली इत्यादि स्वीकृती में लिये गये निर्णय के विरुद्ध आवेद पत्र षष्ठम राज्य वित्त आयोग द्वारा अनुशांसित राशि के व्यय मनमाने तरिके से वार्डो में देने के संबंध में।

महाशय,

उपरोक्त विषय के संबंध में कहना है कि उपरोक्त बोड़ की बैठक में कंडिका सं0 2 में लिया गया निर्णय नगर विकाश एवं आवास विभाग द्वारा ज्ञापांक सं0 3201 दिनांक 02.11.2022 को संयुक्त निर्देशन के हस्ताक्षर से सभी नगर निकाय को प्रेषित किया गया है। जिसमें निर्देशित किया गया है कि षष्ठम राज्य वित आयोग से प्राप्त निधि का खर्च किस प्रकार किया जायेगा पुरे विवरण के साथ दिया गया है। उपरोक्त निर्देश के आलोक में कंडिका 5 में निर्देशित किया गया है की शहरी स्थानीय निकायों के बीच राशि का क्षैतिज वितरण जनसंख्या और क्षेत्रफल के भारांक (wieghtage) के आधार पर किया जायेगा जो क्रमशः 90 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत होगा।

यह कि निगम बोर्ड की बैठक में हमलोगों के द्वारा जो योजना दिया गया था वह योजना में एक दो योजना आया और मनमाने तरिके से कुछ वार्डो में योजना को नहीं लिया गया। 53 वार्डों में षष्ठम राज्य वित आयोग द्वारा बिना जनसंख्या एवं क्षेत्रफल का आकलन किये हुये मनमाने ढंग से प्रशाशनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई, जो वितिय अनिमितता का घोतक है। इसे वितिय अनिमितता माना जोयगा। षष्ठम राज्य वित आयोग द्वारा वितिय वर्ष अनुशंसित राशि व्यय हेतु जो मार्गदर्शिका में दिया हुआ है इसका घोर उल्लंघन एवं सरकार के निर्देश का पालन नहीं करना एवं मनमाने ढंग से मेयर एवं उपमहापौर एवं कुछ पार्षदों के द्वारा प्रशाशिनिक स्वीकृती दी गई है। वार्ड नं 10, 11, 40, 41 और 42 के पार्षदों ने इस बात की शिकायत पहले करते हुए कहा था कि षष्ठम् राज्य वित्त आयोग एवं 15 वीं वित्त आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अनुशासित राशि के व्यय सरकार के गाइड लाइन के विरुद्ध गया नगर निगम बोर्ड की बैठक 24. 08.2023 में एजेंडा संख्या-02 सम्पूर्ण गया नगर निगम क्षेत्र में राशि बँटवारा में अनियमितता करने के संबंध में इसकी जाँच कर कुछ दिन पहले हुई निविदा पर रोक लगाने की मांग की थी।

*इसके बाद राजद के जिलाध्यक्ष आगे आए*

राजद के गया जिलाध्यक्ष मुर्शिद आलम उर्फ नेजाम भाई नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने बताया कि उपर्युक्त विषयों के संबंध में कहना है कि बिहार सरकार नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा नगर निगम क्षेत्रों में पथ नाली विकास निधि के नाम पर करोड़ों-करोड़ रुपये नगर निगम को भेजा जाता है। सरकार के द्वारा राशि के साथ-साथ व्यय हेतु मार्ग दर्शिका भी भेजा जाता है। बिहार सरकार नगर विकास विभाग के द्वारा ज्ञापांक- 3201 दिनांक 02.11.2022 का जिक्र किया गया। इसके आलोक में नेजाम भाई ने बताया कि राज्य वित्त आयोग एवं षष्ठम् राज्य वित्त आयोग की राशि लगभग 2021-22, 2022-23 में 65 करोड़ गया नगर निगम को उपलब्ध कराई गई। पत्र में पारा (05) में शहरी स्थानीय निकायों के बीच राशि का क्षैतिज विवरण जनसंख्या और क्षेत्रफल के ज्ञापांक ( Weightage)
के आधार पर किया जायेगा, जो क्रमश: 90 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत होगा। परन्तु गया नगर निगम के महापौर (मेयर) एवं कुछ वार्ड पार्षदों के द्वारा मनमाने ढंग से सरकार के व्यय हेतु मार्गदर्शिका के विरूद्ध जाकर जनसंख्या और क्षेत्रफल को नहीं मानते हुये जिस वार्ड में जनसंख्या कम भी है, वहां मनमाने ढंग से राशि दी गई और जहाँ जनसंख्या ज्यादा थी वहां राशि कम दी गई। जिसके विरूद्ध कुन्दन कुमार वार्ड सं0-11 के द्वारा 05.09.23 को आवेदन नगर आयुक्त को दिया गया था। इनके साथ-साथ वार्ड संख्या-41, 42, 10, 40 और अन्य वार्डो में भी अनियमितता की गई है। सरकार के गाइडलाइन के विरुद्ध कार्य करने की शिकायत करते हुए तत्काल जाँच करते हुये प्रथम दृष्ट्रिया से इस कार्य(निविदा) पर रोक लगाया जाय।

*जबकि संवेदकों ने निविदा डाल दी है, तब सरकार का पत्र आया*

चुकी राजद के जिलाध्यक्ष और वार्ड पार्षदों द्वारा सरकार के पास की गई कथित अनियमितता की शिकायत पर संज्ञान लेने में कुछ देर हुई फिर भी सरकार ने जल्दबाजी करते हुए 09.10.2023 को हस्ताक्षरित एक पत्र संख्या 6434/ दिनांक 10.10.2023 को निर्गत करते हुए नगर आयुक्त को भेजा है।  जिसमें विभाग के अपर सचिव धर्मेंद्र कुमार ने नगर आयुक्त से कहा है कि शिकायत पत्र में वर्णित तथ्यों के आलोक में वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की कृपा की जाए।

*राजद के जिलाध्यक्ष ने कहा*

राजद के जिलाध्यक्ष मुर्शिद आलम उर्फ नेजाम भाई ने बताया कि गया नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्य जरूरी है। इसके लिए सरकार प्रयत्नशील है। लेकिन नियमों के विपरीत जाकर मनमाने ढंग से योजनाओं की राशि का बंटवारा किया जाना गलत है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि नगर आयुक्त इस पर नियमसंगत कार्रवाई करेंगे, जिससे शहर का चहुमुखी विकास हो।