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वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पॉन्ड्रीक की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय सभागार में मगध प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिला पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, जिला उद्योग पदाधिकारी, उद्योग विस्तार पदाधिकारी तथा सभी बैंकों के वरीय अधिकारियों के साथ उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं के संबंध में प्रमंडलीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। समीक्षा बैठक में उन्होंने आए हुए सभी बैंकों के जोनल तथा स्टेट लेवल के पदाधिकारी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पीएमएफएमई योजना (Pradhan Mantri Formalisation of Micro food processing Enterprises) के समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि विभिन्न बैंकों का विभाग स्तर पर कोऑर्डिनेशन बैठक आयोजित होते रहती है। विभिन्न बैंकों द्वारा योजनाओं के संबंध में क्या प्रगति है इसकी भी लगातार समीक्षा विभाग स्तर से की जाती है।

मगध प्रमंडल क्षेत्र में पीएमएफएमई योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग का बहुत अच्छा माहौल

उन्होंने कहा कि मगध प्रमंडल के क्षेत्र में पीएमएफएमई योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग का बहुत अच्छा माहौल है। इस वर्ष 10 हजार लाभुकों को फूड प्रोसेसिंग हेतु लोन देने का लक्ष्य प्रस्तावित है, जिसके विरुद्ध 3 हजार लाभुकों को लोन सैंक्शन किया गया है। उन्होंने सभी बैंक के पदाधिकारी को कहा कि प्रत्येक बैंक हर माह कम से कम 2 से 3 लोन सैंक्शन करें ताकि कम समय में टारगेट को पूर्ण किया जा सके और अधिक से अधिक लोगों को मदद पहुंचा सके। सभी ब्रांच मैनेजर अपने अच्छे विजन से कस्टमर के साथ लोन देने का कार्य करें। फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में वर्तमान समय में काफी अच्छा इन्वेस्टमेंट है। लोग काफी बढ़-चढ़कर के इसमें सरकार की योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर रहे हैं।

सभी बैंकों के प्रतिनिधियों को दिया गया निर्देश

उन्होंने उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि बैंकों में प्राप्त आवेदनों के आलोक में लोन प्रोवाइड करने में तेजी लावे। बताया गया कि नवादा में 149 आवेदन के विरुद्ध 92 लोगों को लोन सैंक्शन किया गया। जहानाबाद में 131 आवेदन के विरुद्ध 52, गया 400 आवेदन के विरुद्ध 142, अरवल 85 आवेदन के विरुद्ध 22 तथा औरंगाबाद 222 आवेदन के विरुद्ध 45 लोगों को लोन सैंक्शन किया गया है। इस प्रकार मगध प्रमंडल में कुल 987 प्राप्त आवेदनों में से 353 लोगो को लोन उपलब्ध करवा दिया गया है। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि 25 सितंबर को विभाग स्तर पर कैंप का आयोजन किया गया है। सभी बैंक के अधिकारी उसमें मौजूद रहेंगे और आवेदनों को डिस्पोज करेंगे।

बैठक में बैंकों के रिप्रेजेंटेटिव हर बार अलग-अलग आते हैं, जिसके कारण समीक्षा में थोड़ी कठिनाई होती है:डीएम

समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी गया डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि गया जिले में बैंकों को लगातार काम करने के लिए निर्देश दिया जाता है परंतु यूको बैंक एवं सेंट्रल बैंक में काफी कम प्रगति देखी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जिला स्तर पर आयोजित बैठक में बैंकों के रिप्रेजेंटेटिव हर बार अलग-अलग आते हैं, जिसके कारण समीक्षा में थोड़ी कठिनाई होती है। इस पर अपर मुख्य सचिव ने सभी बैंकों के वरीय पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी जिले में सभी बैंकों का डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर नामित रहता है, जो जिला प्रशासन द्वारा आयोजित बैठक में भाग लेते हैं। इसे पूरी अच्छी तरीके से पालन करवाये।

योजनाओं की प्रगति की हुई समीक्षा

पीएमईजीपी योजना के समीक्षा के दौरान बताया गया कि नवादा जिले में 223 आवेदन के विरुद्ध 165 लोगो को लोन सैंक्शन हुए हैं। गया 613 के विरुद्ध 235, जहानाबाद 202 के विरुद्ध 69, औरंगाबाद 342 के विरुद्ध 105, अरवल 128 के विरुद्ध 39 आवेदन सैंक्शन हुए हैं। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि अक्टूबर माह तक प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध हर हाल में शतप्रतिशत लोन वितरित करवाना सुनिश्चित करे। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि गया ज़िले में 775 लोगो ने मशीन संस्थापन के लिए आवेदन किया है जिसके विरुद्ध 623 लोगों को zed सर्टिफाइड किया गया है। उसी प्रकार औरंगाबाद में 230 के विरुद्ध 75, नवादा 424 में 66, अरवल 91 में 12 एवं जहानाबाद ने 162 के विरुद्ध 12 लोगो को zed सर्टिफाइड किया है।

गया जिले में पावर लूम का सेक्टर काफी अच्छा सेक्टर

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को भरपूर मदद करें। उन्होंने यह भी कहा कि गया जिले में पावर लूम का सेक्टर काफी अच्छा सेक्टर है। यहां इंडस्ट्री को और बढ़ावा दिया जा सकता है। इसमें लोगों को पूरी बढ़ चढ़कर सहयोग देना होगा। लुधियाना पुणे के बाद गया जिला चौथा नंबर पर पावर लूम में नाम गिना जाता है। इस प्रकार औरंगाबाद में सबसे अधिक राइस मिल है। वहां और अच्छे इफेक्टिव रूप से लोगों को मदद करने की आवश्यकता है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लोगो को जो इंस्टॉलमेंट के अनुसार राशि दिया जाता है उसकी टाइम टू टाइम पैसे का क्या प्रयोग किया है उसका फिजिकल वेरीफिकेशन हर हाल में करवाये। उन्होंने जिला पदाधिकारी तथा उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि प्रत्येक सप्ताह बुधवार एवं बृहस्पतिवार को औचक निरीक्षण प्रस्तावित रहती है उसमें भी उद्योग विभाग की योजनाओं को भी जांच करवाते रहें।

लोन सेक्शन के पश्चात साइट वेरिफिकेशन में आवेदन पेंडिंग नहीं रखने का भी निर्देश, फिजिकल वेरिफिकेशन भी अवश्य करे

उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का लोन उपलब्ध हो जाता है परंतु मशीन संस्थापन नहीं करते हैं या मशीन खरीदने के बाद मशीन का प्रयोग नहीं करते हैं तो वैसे लाभुकों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए राशि की रिकवरी होगी। उन्होंने उद्योग विभाग में जुड़े सभी लोगों को कहा कि बिहार सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर उद्योग के क्षेत्र में लाभ दिया जा रहा है उसका भरपूर सदुपयोग करें।
उन्होंने सभी जिला पदाधिकारी एवं बैंक के पदाधिकारी को कहा कि आने वाले दिनों में लोन के माध्यम से जो भी मशीन लोगो खरीदने के लिए दिया जाता है उसे जियो टैग के साथ-सा यूनिक नंबर/ सीरियल नंबर भी दिया जाएगा, जिससे उद्योग के क्षेत्र में और पारदर्शिता के साथ-साथ गड़बड़ी करने वालों को आसानी से चिन्हित कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रथम किस्त जिन्हें मिल जाता है वह उसके तीन माह के अंदर मशीन खरीदने का कार्य कर ले उसके पश्चात यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट रिपोर्ट विभागीय पोर्टल पर अपलोड करें ताकि द्वितीय किस्त तुरंत जनरेट हो जाएगा। उन्होंने सभी जिला उद्योग पदाधिकारी को निर्देश दिया कि प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध लोन सेक्शन के पश्चात साइट वेरिफिकेशन में कोई आवेदन पेंडिंग ना रखें। सभी आवेदनों का फिजिकल वेरिफिकेशन हर हाल में करावे।
बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरबड़े, गया जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम सहित मगध प्रमंडल के सभी जिला पदाधिकारी, सभी उपविकास आयुक्त, उद्योग विभाग के निदेशक सहित राज्य स्तर के बैंकों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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Last Update: September 15, 2023

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