केंद्रीय मंत्री और हम (से.) के संरक्षक जीतनराम मांझी ने उनसे जुड़े एक वायरल वीडियो को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उनके वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल करने वाले लोग यह भ्रम पाल रहे हैं कि “मुसहर के लाल को बदनाम कर देंगे”, जबकि अब ऐसा संभव नहीं है।

अपने पोस्ट में मांझी ने दो टूक लिखा कि अब न तो मुसहर समाज के बेटे को अपमानित किया जा सकता है और न ही उसे बेवकूफ बनाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा – “आसमान पर थूकने वालों, यह मत भूलिए कि आसमान पर फेंका गया थूक अंततः आप पर ही गिरता है।”
अपने संदेश के अंत में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “मांझी अब ब्रांड बन चुका है, किसी से डरने वाला नहीं है।”
केंद्रीय मंत्री ने यह पोस्ट कई प्रमुख न्यूज़ एजेंसियों को टैग करते हुए साझा की, जिससे यह साफ हो गया कि वे इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और सार्वजनिक रूप से अपना पक्ष मजबूती से रख रहे हैं।
बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है मामला
दरअसल, सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह गया जिले के बाराचट्टी (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से विधायक ज्योति देवी के सम्मान में आयोजित एक समारोह का बताया जा रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी क्षेत्र की जनता को संबोधित कर रहे थे।
वायरल किए जा रहे वीडियो में उनके भाषण के कुछ अंश दिखाए जा रहे हैं, जिसमें वे मगही भाषा में बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ी हार-जीत को लेकर अपनी बात रखते नज़र आ रहे हैं। वीडियो में एक सीट पर हुई हार और 2020 के चुनाव में उसी सीट से हुई जीत का उल्लेख बताया जा रहा है, जिसका संदर्भ गया के एक पूर्व जिलाधिकारी से जोड़ा जा रहा है, जो वर्तमान में त्रिपुरा में पदस्थ हैं—ऐसा दावा स्वयं मांझी अपने भाषण में करते सुनाई देते हैं।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं


मांझी के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का सिलसिला भी तेज़ हो गया है। एक यूज़र ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि यदि वीडियो के साथ छेड़छाड़ हुई है तो केंद्रीय मंत्री को स्वयं ओरिजिनल वीडियो सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। फिलहाल, वायरल वीडियो और उस पर केंद्रीय मंत्री की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है। वहीं विपक्षी दलों के समर्थकों द्वारा इस वायरल वीडियो को लेकर चुनाव आयोग तक सवाल खड़े किए जाने की चर्चाएं भी तेज़ हो गई हैं।






