रिपोर्ट: देवब्रत मंडल
गया। गुरारु प्रखंड के वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अंजारुल हक के आकस्मिक निधन की खबर से स्वास्थ्य विभाग में शोक और अविश्वास का माहौल है। मंगलवार को डब्लूएचओ कार्यालय, गया में उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शोकसभा आयोजित की गई, जिसमें अधिकारियों एवं कर्मियों ने गहरी संवेदना व्यक्त की।
शोकसभा की शुरुआत दो मिनट के मौन के साथ हुई। उपस्थित सभी लोग सोमवार की शाम आई इस दुःखद सूचना से व्यथित दिखे। डब्लूएचओ के दीपक कुमार ने बताया कि डॉ. हक के अचानक निधन ने सभी को स्तब्ध कर दिया। उन्होंने कहा—
“वे जितने मजबूत, साहसी और निडर थे, उतने ही सरल और विनम्र भी। हर जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाते थे। कुछ ही दिन पहले खुशी-खुशी बताया था कि उनकी पदोन्नति निदेशक रैंक में हुई है और संभव है जल्द ही सचिवालय में योगदान देना पड़े। किसे पता था कि इससे पहले ही ईश्वर उन्हें अपनी शरण में बुला लेगा। उनकी कमी हमेशा महसूस होगी।”
एसएमओ डॉ. कुणाल ने भावुक होते हुए कहा—
“हमने केवल एक पदाधिकारी नहीं, बल्कि एक सच्चे इंसान को खोया है। उनका शांत स्वभाव, कर्तव्यनिष्ठा और सहयोगी व्यक्तित्व संस्था की पहचान था। यह क्षति अपूरणीय है।”
शोकसभा में उपस्थित अधिकारियों—विष्णु कुमार, वीरेंद्र पाठक, रविंद्र कुमार रवि, राजीव कुमार, कौशल कुमार, शंकर कुमार, मनोज कुमार, विपिन कुमार सिंह, सुधीर कुमार सिंह, विजय कुमार सिन्हा, अमजद जावेद, अमरेश कुमार, प्रमोद कुमार सहित कई कर्मियों—ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि डॉ. हक की जगह कोई नहीं ले सकता।
कार्यक्रम में गुरारु के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार भी मौजूद रहे।
डॉ. अंजारुल हक फुलवारी शरीफ, पटना के रहने वाले थे और स्वास्थ्य सेवाओं में उनकी निष्ठा व सौम्य छवि को हमेशा याद किया जाएगा।






