गया: ज्ञान और शांति की भूमि बोधगया शुक्रवार को देशभक्ति के रंग में रंगी नजर आई। अवसर था राष्ट्रगीत “वन्दे मातरम्” के 150 वर्ष पूरे होने का, जिसे पूरे देशभर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इसी क्रम में गया स्थित 6 बिहार बटालियन एन.सी.सी. द्वारा बोधगया की प्रसिद्ध 80 फीट बुद्ध मूर्ति परिसर में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में बटालियन के कमांडिंग अफसर कर्नल पंकज कुमार (कीर्ति चक्र) के नेतृत्व में एनसीसी कैडेट्स ने एकजुट होकर “वन्दे मातरम्” का सामूहिक गायन किया। कैडेट्स के स्वर से गूंजती यह ध्वनि मानो पूरे परिसर में देशभक्ति की ऊर्जा भर रही थी। युवा कैडेट्स के जोश और अनुशासन ने यह संदेश दिया कि राष्ट्रगीत केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और एकता का प्रतीक है।

इस अवसर पर भारतीय एकता, अखंडता और संप्रभुता की भावना को समर्पित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में कैडेट्स ने अपनी कला और कल्पनाशक्ति के माध्यम से “वन्दे मातरम्” की अमर भावना को चित्रों में जीवंत किया। कुछ पोस्टरों में माँ भारती की भाव-भंगिमा को दर्शाया गया, तो कुछ में स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की झलक दिखाई दी। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य था युवाओं में राष्ट्रभक्ति, रचनात्मकता और सामूहिकता की भावना को प्रोत्साहित करना।
कर्नल पंकज कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि “वन्दे मातरम्” भारतीयों के दिल में बसने वाला गीत है, जिसने आज़ादी की लड़ाई में नई ऊर्जा भरी थी और आज भी यह गीत हमें देश के प्रति समर्पण का संदेश देता है। उन्होंने कैडेट्स को प्रेरित करते हुए कहा कि इस गीत की भावना हर भारतीय के जीवन में सदैव जीवित रहनी चाहिए।
बटालियन-6 के सहयोगियों ने आयोजन को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम के अंत में सभी कैडेट्स ने सामूहिक रूप से “वन्दे मातरम्” का जयघोष करते हुए राष्ट्र के प्रति निष्ठा और समर्पण का संकल्प लिया।
बोधगया की धरती पर गूंजे “वन्दे मातरम्” के स्वर ने यह साबित कर दिया कि भारत की युवा पीढ़ी आज भी अपने देश, संस्कृति और परंपरा के प्रति उतनी ही समर्पित है, जितनी हमारे स्वतंत्रता सेनानी हुआ करते थे।






