फतेहपुर (गया): छोटे से गांव पुरनी बथान से निकलकर अजय कुमार ने वो कर दिखाया, जो हर युवा का सपना होता है—देश के लिए मेडल जीतना। वियतनाम में आयोजित पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के 83 किलोग्राम वर्ग में अजय ने 260 किलो वजन उठाकर गोल्ड मेडल जीतकर भारत का परचम लहराया। प्रतियोगिता में भारत से गए नौ प्रतिभागियों में केवल अजय ही विजेता बनकर लौटे।
गांव में निकली तिरंगा यात्रा, हर आंख गर्व से नम

अजय जब गुरुवार को अपने प्रखंड फतेहपुर लौटे तो स्वागत किसी हीरो से कम नहीं था। सुबह से ही महावीर मंदिर के पास ढोल-नगाड़ों के साथ जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, युवाओं और दोस्तों की भीड़ जुटी थी। स्वागत की शुरुआत फूलों से हुई और फिर गांव तक दस किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई — एक झांकी, जिसमें हर कदम पर गौरव छलकता था।
सेना में भर्ती से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक का सफर
2010 में अजय ने भारतीय सेना ज्वाइन की। लेकिन सिर्फ देश की रक्षा ही नहीं, उन्होंने खुद से एक वादा किया था — “कुछ ऐसा करूं कि गांव और देश दोनों का नाम रोशन हो।” ग्रामीण स्तर पर वेटलिफ्टिंग की शुरुआत की और सेना में रहते हुए भी अपने अभ्यास को जारी रखा। भारत और एशिया स्तर की प्रतियोगिताओं में कामयाबी ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचा दिया — और वहां उन्होंने इतिहास रच दिया।
गांव में उत्सव जैसा माहौल, पूरे प्रखंड को अजय पर नाज़
अजय की इस उपलब्धि पर पूर्व उपप्रमुख दिलीप यादव, मुखिया संजय शर्मा और समाजसेवी कंचन कुमार सहित अनेक लोगों ने गर्व जताया। सबका कहना था कि अजय ने ना सिर्फ फतेहपुर, बल्कि बिहार और देश को वैश्विक पटल पर सम्मान दिलाया है।
“गांव की मिट्टी में अगर जज़्बा हो, तो वो दुनिया को भी झुका सकता है। अजय कुमार इसका जीता-जागता उदाहरण हैं।”