देवब्रत मंडल
गया के पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 में आज, 6 दिसंबर 2024, को केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आयोजित 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 2024–25 का भव्य शुभारंभ हुआ। दो दिवसीय इस प्रदर्शनी का उद्घाटन डॉ. अमिय प्रियम, डीन एवं प्रोफेसर, रसायन विभाग, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार, ने किया।
उद्घाटन समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई, जिसमें मुख्य अतिथि और निर्णायक मंडलों का हरित स्वागत किया गया। विद्यालय के प्राचार्य श्री अशोक कुमार गुप्ता ने मुख्य अतिथियों और प्रतिभागी छात्रों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने नवोदित वैज्ञानिकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, “यह मंच छात्रों के सृजनात्मक विचारों को वास्तविकता में बदलने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है।”
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन
कार्यक्रम में छात्रों ने स्वागत गीत, नृत्य और प्रेरणादायक विज्ञान नाटिका प्रस्तुत की। विज्ञान नाटिका का विषय “भारतीय समाज का अभिशाप- अंधविश्वास- पाखंड या विज्ञान” था, जिसमें उन्होंने समाज में फैले अंधविश्वास और पाखंड का प्रभावशाली ढंग से खंडन किया।
मुख्य अतिथि का विशेष संबोधन
डॉ. अमिय प्रियम ने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति में समाहित प्राचीन वैज्ञानिक अवधारणाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों ने विज्ञान और प्रकृति का अद्भुत समन्वय किया था। अशोक स्तंभ इसका प्रमुख उदाहरण है। आधुनिक भारत के विकास के लिए हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों और आधुनिक विज्ञान के बीच संतुलन स्थापित करना होगा।” उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) पर बल देते हुए कहा कि यह नीति छात्रों को आत्मनिर्भर और सृजनशील नागरिक बनाने पर जोर देती है।
300 छात्रों ने दिखाए अपने नवाचार
प्रदर्शनी में पटना संभाग के 54 केंद्रीय विद्यालयों के लगभग 300 छात्रों ने सात अलग-अलग विषयों पर विज्ञान मॉडलों का प्रदर्शन किया। साथ ही, विज्ञान और नवाचार पर केंद्रित एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया। समारोह का समापन विद्यालय के उप-प्राचार्य श्री हरि सिंह मीणा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस कार्यक्रम ने छात्रों के भीतर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ समाज के प्रति उनके जिम्मेदार दृष्टिकोण को भी उजागर किया।