तकनीक के इस युग में जहां मोबाइल और इंटरनेट ने दुनिया को आपस में जोड़ दिया है, वहीं कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां परंपरागत मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करते। ऐसे दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्रों में सेटेलाइट फोन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन सेटेलाइट फोन क्या है, इसका उपयोग कौन कर सकता है, और यह आम लोगों के लिए कितना सुलभ है? आइए, इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
क्या है सेटेलाइट फोन?
सेटेलाइट फोन, जिसे आमतौर पर सैटफोन कहा जाता है, एक विशेष दूरसंचार उपकरण है जो सीधे उपग्रहों के साथ संचार करता है। इसके लिए मोबाइल टॉवर या किसी अन्य भौतिक नेटवर्क की आवश्यकता नहीं होती। यह तकनीक समुद्र, पहाड़ों, जंगलों और अन्य ऐसे क्षेत्रों में संचार स्थापित करने के लिए उपयोगी है जहां सामान्य मोबाइल नेटवर्क पहुंच नहीं पाते।
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कौन कर सकता है सेटेलाइट फोन का उपयोग?
सेटेलाइट फोन का उपयोग मुख्य रूप से विशिष्ट पेशेवर और आपातकालीन परिस्थितियों में होता है।
1. सुरक्षा बल और सरकारी एजेंसियां
सेना और पुलिस बल सीमावर्ती क्षेत्रों और आपातकालीन स्थितियों में सेटेलाइट फोन का उपयोग करते हैं।
आतंकवाद विरोधी अभियान या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान इनका उपयोग महत्वपूर्ण होता है।
2. आपदा प्रबंधन और बचाव दल
बाढ़, भूकंप, या अन्य आपदाओं के दौरान जहां सामान्य संचार बाधित हो जाता है, वहां सेटेलाइट फोन ही संचार का एकमात्र माध्यम बनता है।
3. वैज्ञानिक, शोधकर्ता और पत्रकार
दूरस्थ स्थानों पर अनुसंधान करने वाले वैज्ञानिक और पत्रकार सेटेलाइट फोन का उपयोग करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया और युद्ध क्षेत्रों में रिपोर्टिंग के दौरान भी इसका व्यापक उपयोग होता है।
4. समुद्री और हवाई यात्री
समुद्र में यात्रा करने वाले नाविक और जहाज के कर्मचारी संकट के समय संचार के लिए सेटेलाइट फोन पर निर्भर रहते हैं।
5. व्यक्तिगत उपयोग
हालांकि आम लोग भी सेटेलाइट फोन का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए सरकार की अनुमति आवश्यक है।j
क्या आम लोग सेटेलाइट फोन का उपयोग कर सकते हैं?
सैद्धांतिक रूप से आम लोग सेटेलाइट फोन का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन भारत में इसके उपयोग के लिए सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है। इसकी लागत और कानूनी आवश्यकताएं इसे आम उपयोगकर्ताओं के लिए थोड़ा कठिन बना देती हैं।
लाइसेंसिंग: भारत में सेटेलाइट फोन का उपयोग केवल सरकारी स्वीकृति प्राप्त उपकरणों और सेवाओं के माध्यम से किया जा सकता है।
उच्च लागत: एक सेटेलाइट फोन की कीमत ₹50,000 से ₹1,50,000 तक हो सकती है। इसके अलावा, कॉल शुल्क भी सामान्य मोबाइल कॉल्स की तुलना में काफी अधिक होता है।
सेटेलाइट फोन सेवा कौन प्रदान करता है?
दुनिया भर में कई कंपनियां सेटेलाइट फोन सेवाएं प्रदान करती हैं। इनमें प्रमुख नाम हैं:
- इरिडियम (Iridium): यह विश्वव्यापी कवरेज प्रदान करता है।
- थुरया (Thuraya): एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व में लोकप्रिय है।
- इनमारसैट (Inmarsat): समुद्री और हवाई सेवाओं के लिए जाना जाता है।
- ग्लोबलस्टार (Globalstar): किफायती सेटेलाइट सेवाओं के लिए प्रसिद्ध।
भारत में, BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) देश की एकमात्र आधिकारिक सेटेलाइट फोन सेवा प्रदाता है। BSNL यह सेवा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के उपग्रहों के माध्यम से प्रदान करती है।
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भारत में सेटेलाइट फोन के उपयोग से जुड़े कानून
भारत में सेटेलाइट फोन के उपयोग के लिए कुछ कड़े नियम और शर्तें हैं:
1. केवल सरकार द्वारा अनुमोदित उपकरण और सेवाएं ही उपयोग की जा सकती हैं।
2. बिना लाइसेंस या गैर-अनुमोदित सेटेलाइट फोन का उपयोग गैरकानूनी है।
3. सुरक्षा कारणों से, भारत सरकार अनधिकृत सेटेलाइट फोन के उपयोग पर सख्त कार्रवाई करती है।
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सेटेलाइट फोन का महत्व
आपदा प्रबंधन: प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सामान्य संचार बाधित हो सकता है, लेकिन सेटेलाइट फोन किसी भी परिस्थिति में काम करता है।
सुरक्षा और गोपनीयता: सीमावर्ती और दुर्गम क्षेत्रों में सेटेलाइट फोन सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक अमूल्य उपकरण है।
दुनिया से जुड़ने का साधन: चाहे आप समुद्र के बीच हों या किसी सुदूर पर्वत पर, सेटेलाइट फोन के जरिए आप दुनिया से जुड़े रह सकते हैं।
सेटेलाइट फोन उन परिस्थितियों में वरदान साबित होते हैं जहां सामान्य संचार प्रणाली काम नहीं करती। हालांकि, इसके उपयोग के लिए नियम-कानून और उच्च लागत इसे आम उपयोगकर्ताओं के लिए थोड़ा कठिन बना देते हैं। लेकिन आपदा प्रबंधन, सुरक्षा, और दूरस्थ क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवरों के लिए यह एक अनिवार्य उपकरण है। भारत में सेटेलाइट फोन सेवा मुख्य रूप से सरकारी एजेंसियों और विशेष परिस्थितियों में काम करने वाले लोगों के लिए उपलब्ध है।