आगमन के पूर्व पंचानपुर चौक पर प्रदर्शन कर रखी मांग
टिकारी संवाददाता: केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार संघर्ष समिति के सदस्यों ने गुरुवार को पंचांनपूर स्थित डा. भीमराव अम्बेडकर के प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया और सीयूएसबी के वर्षो से लंबित मांगों को अविलंब पूरा कराने की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संघर्ष समिति के संयोजक प्रो. विजय कुमार मिट्ठू ने कहा कि वर्ष 2012 मे राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठन के संघर्ष के बाद विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। इसके शिलान्यास कार्यक्रम मे शामिल तत्कालीन कुलाधिपति लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार एवं तत्कालीन कुलपति डा. जनक पांडेय ने विश्वविद्यालय परिसर मे केन्द्रीय विद्यालय, एन आई टी के समकक्ष इंजीनियरिंग कालेज तथा राष्ट्रीय स्तर का मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा की थी। लेकिन आज तक एक भी संस्थान नहीं खुला।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाल्मीकि प्रसाद, बृजमोहन शर्मा, प्रो. मुद्रिका सिंह नायक, हिमांशु शेखर, श्रीकांतशर्मा, सत्येंद्र नारायण, अरविंद कुमार बर्मा आदि ने उत्तर बिहार मे मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तर्ज़ पर सीयूएसबी का नामकरण विष्णु-बुद्ध केन्द्रीय विश्वविद्यालय करने की मांग सरकार पूरा करे। नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु संघर्ष के दौरान अनुमंडल संयोजक रामानंद शर्मा एवं सहयोगी श्रावण कुमार की मौत 29 मार्च 2012 को पटना जाने के क्रम में सड़क हादसे में हो गयी थी। जबकि संघर्ष समिति के सदस्य बाल्मीकि प्रसाद, बृजमोहन शर्मा, प्रो मुद्रिका सिंह नायक एवं श्रीकांत शर्मा बुरी तरह घायल हो गए थे। घटना के बलिदानी एवं जख्मी सदस्यों के नाम का विवि परिसर में शिलापट्ट लगाकर सम्मान देने की मांग दुहराई। पूर्व निवेदन के बाद भी समिति सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को मिलने देने की अनुमति नही देने पर नेताओं ने गहरी नाराजगी प्रकट की। प्रदर्शन के बाद संयोजक मिट्ठू द्वारा सात सूत्री मांग का ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल, कुलाधिपति, कुलपति, कुलसचिव आदि को भेजते हुए यथोचित कार्यवाई की मांग की है।
VERY good magadh live news