देवब्रत मंडल
भारत का रेलवे इतिहास एक और मील का पत्थर छूने जा रहा है, क्योंकि जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस जल्द ही कश्मीर घाटी और जम्मू को जोड़ने के लिए तैयार है। 111 किलोमीटर लंबे कटरा-बनिहाल खंड पर अंतिम सुरक्षा निरीक्षण शुरू हो चुका है। इस खंड के पूरा होने के बाद, जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय मात्र तीन घंटे दस मिनट हो जाएगा। यात्रियों को इस साल के अंत तक इस विश्वस्तरीय यात्रा का अनुभव मिलने की उम्मीद है।
तकनीकी उत्कृष्टता का नमूना: कटरा-बनिहाल खंड
इस परियोजना को भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण और अभूतपूर्व परियोजनाओं में से एक माना जा रहा है। बनिहाल-कटरा खंड में 97 किलोमीटर सुरंग और 7 किलोमीटर पुल शामिल हैं। इस मार्ग का सबसे बड़ा आकर्षण है:
- चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा आर्क ब्रिज (359 मीटर), जिसे 30,000 टन स्टील से तैयार किया गया।
- अंजी नदी पर भारत का पहला केबल स्टे ब्रिज, जिसे आधुनिक इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना कहा जा रहा है।
इसके अलावा, 12.77 किलोमीटर लंबी टी50 सुरंग और 215 किलोमीटर लंबी सड़कें स्थानीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देंगी।
तकनीक और सुरक्षा का बेहतरीन संगम
इस परियोजना के तहत, पारंपरिक तकनीकों के बजाय अत्याधुनिक हिमालयी सुरंग निर्माण विधि का उपयोग किया गया है।
सुरंगों में हर 50 मीटर पर हाई-टेक कैमरे लगाए गए हैं, जो केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से जुड़े हैं।
ट्रेन के गिट्टी रहित ट्रैक, एंटी-वाइब्रेशन भूकंपीय उपकरण और अत्यधिक ठंड में भी संचालन के लिए एंटी-फ्रीजिंग तकनीक इसे खास बनाते हैं।
-20°C तापमान में भी ट्रेन पूरी तरह कार्यशील रहेगी, जिससे हर मौसम में संपर्क सुनिश्चित होगा।
यात्रियों के लिए सुविधाजनक और आरामदायक सफर
जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों की सुरक्षा और आराम का विशेष ध्यान रखा गया है। आधुनिक हीटिंग सिस्टम और गर्म विंडशील्ड ड्राइवर और यात्रियों को ठंड से बचाने में मदद करेंगे। पानी जमने से रोकने के लिए हीटिंग सिस्टम से लैस बायो-टॉयलेट और पाइपलाइन यात्रियों को ठंड के मौसम में भी सहूलियत देंगे।
कश्मीर घाटी और जम्मू का रेल संपर्क: पर्यटन और विकास को मिलेगा बढ़ावा
यह परियोजना केवल एक रेलवे लाइन नहीं है, बल्कि कश्मीर घाटी और जम्मू के बीच एक नई आर्थिक और सांस्कृतिक कड़ी है। विश्वस्तरीय वंदे भारत एक्सप्रेस के माध्यम से स्थानीय व्यापार, पर्यटन और विकास को एक नई दिशा मिलेगी। भारतीय रेलवे की यह परियोजना न केवल देश के विकास का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाती है कि भारत हर चुनौती को अवसर में बदलने की क्षमता रखता है। जल्द ही, यात्रियों को इस ऐतिहासिक रेल यात्रा का हिस्सा बनने का गौरव मिलेगा।