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विभागीय संवेदक अभियंता कर रहे थे वसूली, नगर आयुक्त ने कहा-यहां से सैरात वसूली का कोई आदेश नहीं

देवब्रत मंडल

गांधी मैदान की प्रतीकात्मक तस्वीर

छठ महापर्व को लेकर गया के गांधी मैदान में फल की मंडी सजी हुई है। नियम परिनियम को ताक पर रखकर यहां लगी फल की दुकानों के दुकानदारों से गया नगर निगम के कनीय अभियंता सह विभागीय संवेदक देवनंदन प्रसाद द्वारा मंगलवार को सैरात की वसूली की जा रही थी। जबकि अभियंता देवनंदन प्रसाद को गया के सबसे बड़े फल एवं सब्जी मंडी केदारनाथ मार्केट में लगाई गई दुकानों से ही सैरात वसूल करने का विभागीय आदेश प्राप्त है। इस संबंध में जब गया जिलापदधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम से जानकारी ली गई कि गांधी मैदान में फल की दूकान लगाए दुकानदारों से निगम के कनीय अभियंता सह विभागीय संवेदक देवनंदन प्रसाद द्वारा सैरात की वसूली किनके आदेश पर किया जा रहा है तो उन्होंने बताया इस पर रोक लगाई जाएगी। जबकि निगम के मार्केट प्रभारी हरेराम कृष्ण उर्फ पिंटू ने बताया कि इस तरह (गांधी मैदान से) वसूली का कोई आदेश उन्होंने संवेदक को नहीं दिया है। जबकि संवेदक देवनंदन प्रसाद का कहना था कि ‘ऊपर’ से आदेश जारी किया गया है। जब डीएम को इस बात की जानकारी मिली तो तत्काल इस पर रोक लगाने की बात उन्होंने कही है। इस संबंध में नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने भी स्पष्ट रूप से कहा कि गांधी मैदान में लगे फल की दुकानों से सैरात वसूली का आदेश उनकी(नगर निगम) तरफ से निर्गत नहीं किया गया है। अब ऐसे में एक सवाल उठ रहा है कि जब समाहरणालय के किसी शाखा से या निगम से भी यहां से सैरात की वसूली के किसी तरह का आदेश जारी नहीं किया गया है तो आखिर संवेदक द्वारा कैसे वसूली की जा रही है?

स्मरण कराते चलें कि इसी वर्ष जुलाई माह में सैरात वसूली को लेकर सड़क पर हंगामा हुआ था। मामला पुलिस थाना से होते हुए कोर्ट तक चला गया था। आरोप था कि निविदा में निर्दिष्ट शर्तों के अनुसार चुंगी वसूली की जा रही थी। तत्कालीन विभागीय संवेदक सहित कई अन्य पर मुकदमा दर्ज कराया गया। आरोपियों को न्यायालय से जमानत मिली। ऐसे में क्या वर्तमान विभागीय संवेदक द्वारा क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर सैरात की वसूली करना नियमसंगत कहा जा सकता है। यह प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है वर्तमान परिप्रेक्ष्य में किस प्रकार का निर्णय लेने की।