वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
सुबह का भूला शाम को घर लौट आए तो उसे…

गयाजी में विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2023 भूली बिसरी यादें को समेट कर 14 अक्टूबर को हम सभी से विदा हो जाएगा। 28 सितंबर से शुरू हुआ यह मेला अवसान की ओर गमन कर रहा है। अगले वर्ष में फिर यह मेला लगेगा। अनगिनत लाखों तीर्थयात्रियों के आगमन से लेकर यहां से प्रस्थान करने के बीच की अवधि कई यादगार पलों को समेट कर रख लें ताकि अगली बार जब इसका आयोजन हो तो इससे कुछ सीख मिले।
गुरुवार की शाम विष्णुपद मंदिर के पास पवित्र फल्गु के तट पर देवघाट पर देव दीपावली मनाई गई। इसके पीछे की अवधारणा है कि हे पितर! आपके मोक्ष के निमित्त जो श्रद्धा(श्राद्ध) अर्पित किया हमने उसे आपने सहर्ष स्वीकार किया है और अब हमें शेष जीवन में आपका आशीर्वाद बना रहे यही आपसे निवेदन करता हूं। सुख समृद्धि की कामना करते हैं।

इसके बाद अक्षयवट के पास अंतिम कर्मकांड होगा। जिसे सुफल कहा जाता है। यहां श्राद्ध यानी पिंडदान का अंतिम चरण होता है। यहां कर्मकांड पूरा कर लेने के बाद आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ ही तीर्थयात्री स्वयं को धन्य मानते हैं।
मेला के शुभारंभ के दिन एक भूल जिला प्रशासन से जाने अनजाने में हुई थी। आमंत्रण पत्र में गया शहर के मेयर और डिप्टी मेयर का नाम मुद्रित नहीं हो पाया था। यह भूल किस स्तर से हुई थी इस पर चर्चा हम नहीं कर सकते हैं लेकिन इस भूल पर मेयर ने आपत्ति जताई थी। जिसे मीडिया के माध्यम से मेयर ने व्यक्त भी किया था। अब जबकि मेला का समापन 14 अक्टूबर को हो रहा है तो इस समापन समारोह को लेकर एक आमंत्रण पत्र मुद्रित करवाया गया है जो मगध लाइव तक पहुंचा है। यह आमंत्रण पत्र संभवतः वितरण भी किया जाने लगा है। जिसमें मेयर और डिप्टी मेयर दोनों के नाम इस पर देखा जा रहा है। अब इसे सुबह का भूला शाम को घर लौट आए… वाली बात कहें या फिर उद्घाटन में नहीं बुलाए तो बुरा मान गए, अब समापन समारोह में…