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टिकारी संवाददाता: प्रखंड अंतर्गत लाव पंचायत के पंचमहला में आयोजित श्रीमद भागवत कथा सह महायज्ञ में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ जुट रही है। सुबह से दोपहर तक यज्ञमंडप में फेरी देने और शाम में देवी चित्रलेखा का प्रवचन सुनने के लिए कोसों दूर के श्रोता जुट रहे हैं। महायज्ञ के पांचवे दिन मंगलवार की शाम प्रवचन करते हुए देवी चित्रलेखा ने कहा कि कलियुग में नाम संकीर्तन के अलावा जीव के उद्धार का अन्य कोई उपाय नहीं है। रोज़ भगवान् के आगे हृदय से ये भाव निकलना चाहिए कि …हे प्रभु हम पर भी कृपा कीजिये हमारे भी इस जीवन के लक्ष्य को पूरा कीजिये। देवी ने श्रीकृष्ण पर प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान् के बाल रूप का दर्शन करने नंदभवन की ओर समस्त ग्राम वासी, देवता, गंधर्व, आदि बाल स्वरुप का दर्शन करने पधारे। माता यशोदा ने नंदमहल के सारे भण्डार खोल दिए। नंद बाबा ने झोली भर भर बधाइयाँ लुटाई। फिर भगवान् की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया के बिना भाव के भक्ति संभव नहीं। भाव होने से भगवान् खुद भक्त को समर्पित हो जाते है। प्रसंगों में देवी ने कंश मामा द्वारा भेजी गयी पूतना, सकटाशुर, वकाशुर आदि आदि राक्षसों के वध की कथा सुनाई और यमला अर्जुन नाम के दो शापित वृक्षों को भगवान् की बाल लीला द्वारा मुक्त कराने की कथा सुनाई। आगे भगवान् की लीला में माखन चोरी का प्रसंग बताया।

उन्होंने बताया कि कैसे भगवान् ने माखन के साथ गोपियों का मन चुराया और गोपियों के चीर हरण कर उन्हें पवित्र जल श्रोतों में न स्नान करने की शिक्षा दी। भगवान् के 7 वर्ष की उम्र में की गयी गोवर्धन लीला का श्रवण कराया और बताया कि कैसे भगवान् ने इंद्रदेव का घमंड चूर किया। भगवान् ने गिरिराज पर्वत उठा कर इंद्र द्वारा की गयी मूशलधार बारिश से वृजवाषियों को शरण दी। इस क्रम में कथा के दौरान प्रसंगाधिन भजनों पर श्रोता झूम झूम कर नृत्य में तल्लीन दिखे। साथ ही मनोहर झांकियों के द्वारा कथा का दर्शन पान कर लोग भाव विभोर होते रहे। सात दिवसीय इस धार्मिक उत्सव को आयोजक मंडल के सदस्य ग्रामवासी के सहयोग से दिनरात लगे हैं।

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Last Update: November 7, 2023