रिपोर्ट: देवब्रत मंडल
गया। स्टेशन रोड स्थित रीगल रेस्ट हाउस के एक हिस्से पर शुक्रवार से रेलवे प्रशासन द्वारा कब्जा खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई उस भूमि को लेकर की जा रही है, जो रेलवे की बताई गई है और जिस पर पिछले 32 वर्षों से कानूनी विवाद चल रहा था।
जानकारी के अनुसार, रीगल रेस्ट हाउस के भवन का लगभग 600 स्क्वायर फीट हिस्सा रेलवे की भूमि पर स्थित है। यह जमीन रेस्ट हाउस संचालक को पूर्व में लीज पर दी गई थी, जिसकी अवधि वर्ष 1993 में समाप्त हो गई थी। लीज खत्म होने के बाद रेलवे ने जमीन खाली करने का निर्देश दिया, लेकिन रेस्ट हाउस के मालिक ने इस आदेश के खिलाफ सिविल कोर्ट में अपील दायर कर दी। मामला सिविल अपील वाद संख्या 9/1993 के रूप में न्यायालय में लंबित रहा।
लगभग तीन दशक तक चली सुनवाई के बाद 20 नवंबर 2025 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने फैसला रेलवे के पक्ष में सुनाया। फैसले के बाद 27 नवंबर को पूर्व मध्य रेल, गया के सहायक मंडल अभियंता द्वारा रेस्ट हाउस संचालक को नोटिस जारी किया गया, जिसमें 30 नवंबर तक रेलवे भूमि खाली करने का निर्देश दिया गया था। नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी गई थी कि समय सीमा बीतने के बाद रेलवे प्रशासन अवैध कब्जा हटाने के लिए कानूनी कार्रवाई करेगा।
निर्धारित समय सीमा के बावजूद जमीन खाली न करने पर रेलवे ने आखिरकार शुक्रवार को कार्रवाई शुरू कर दी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई न्यायालय के आदेश और पूर्व में जारी प्रशासनिक निर्देशों के अनुपालन में की जा रही है।
स्थानीय स्तर पर इस कार्रवाई को लेकर चर्चा तेज है, क्योंकि मामला तीन दशक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अपने निष्कर्ष पर पहुंचा है। रेलवे प्रशासन का कहना है कि कब्जा मुक्त कराने की प्रक्रिया नियमानुसार आगे बढ़ाई जाएगी।






