अतरी प्रखंड के सीढ़ पंचायत के 70 वर्षीय महादलित वृद्ध जो लाठी पर चलता है विशेशर चौधरी पिछले एक साल से वृद्धापेंशन के लिए चक्कर लगाते-लगाते पूरी तरह टूट चुके हैं। ग्राम कचहरी से लेकर पंचायत शिविर, प्रखंड कार्यालय और बीडीओ तक, हर जगह आवेदन और दस्तावेज जमा करने के बाद भी उनका पेंशन आज तक स्वीकृत नहीं हुआ। थक-हार कर अंततः वे नीमचक बथानी अनुमंडल पदाधिकारी के पास अपनी गुहार लेकर पहुंचे।
विशेश्वर चौधरी ने बताया कि 27 जनवरी 2025 को ग्राम पंचायत सीढ़ में आयोजित ग्राम सभा शिविर में उन्होंने सभी कागजात सौंप दिए थे। इसके बाद 19 अप्रैल को टेउसा स्थित वार्ड संख्या 02 और 03 में आयोजित महादलित विशेष विकास शिविर में भी उन्होंने पूरे दस्तावेज पुनः जमा किए।
कई महीनों बाद जब प्रखंड कार्यालय जाकर स्थिति जाननी चाही तो पता चला कि पेंशन फॉर्म बन ही नहीं पाया। बाद में उनसे कहा गया कि बाहर से ऑनलाइन करा दीजिए। उन्होंने बाहर से आवेदन भी करा दिया, लेकिन कुछ महीनों बाद जानकारी मिली कि उनका फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया।

निराश होकर उन्होंने यह शिकायत अतरी बीडीओ से की। बीडीओ ने डाटा ऑपरेटर कन्हैया कुमार को स्पष्ट निर्देश दिया कि “इनका पूरा कागजात लेकर पेंशन कर दो।” बावजूद इसके ऑपरेटर ने पेंशन बनाने से साफ इनकार कर दिया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि ऑपरेटर ने तिरस्कारपूर्ण लहजे में कहा— “ये बहुत एडवांस बन रहा है… देखते हैं किससे पेंशन बनवाता है!” यहां फ्री में काम नहीं होता है।
इस मनमानी और अपमानजनक रवैये से आहत विशेश्वर चौधरी जो लाठी पर चलता है ने कहा कि सरकार कागजों पर महादलित विशेष विकास शिविर लगाती है, लेकिन जमीन पर अधिकारी खानापूर्ति कर चले जाते हैं। उन्होंने कहा, “एक साल से दौड़ रहा हूं… अब थककर एसडीओ साहब के पास आया हूं।
सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए एक 70 वर्षीय महादलित को इतना अपमान, संघर्ष और उपेक्षा झेलनी पड़े—यह प्रशासनिक सिस्टम की गंभीर विफलता को उजागर करता है। अब देखना यह होगा कि एसडीओ इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।






