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देवब्रत मंडल

मिट्टी की जांच करने के लिए कार्य करते लोग

भारतीय रेल की महत्वाकांक्षी परियोजना ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के लिए गया जिले में भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। अब नई रेल लाइन बिछाने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। गया जिले के 14 मौजे की जमीन का अधिग्रहण इस परियोजना के लिए किया गया है। जिसमें एक कंडी नवादा 189 भी है। यहां दो ब्रिज बनने की बात है। इसके लिए पूर्व में ड्रोन के जरिए एरियल सर्वे का काम किया जा जा चुका था। इसके बाद पुल निर्माण के लिए लेबल मापने का भी काम हाल ही में पूरा किया गया था। इसके बाद पुल निर्माण और रेल लाइन बिछाने के लिए मिट्टी की जांच का काम शुरू कर दिया गया है।

मिट्टी जांच के लिए आई एक ऐजेंसी

कंडी नवादा में पुल निर्माण के लिए आज से करीब 10 साल पहले साइल टेस्ट(मिट्टी की जांच) के लिए सर्वे किया गया था। इसके बाद अब पुल निर्माण के लिए फाइनली तौर पर मिट्टी की जांच के लिए एक एजेंसी कंडी नवादा में सोमवार से कार्य शुरू कर दिया है।

एक महीने लगेंगे रिपोर्ट आने में

कंडी नवादा में मिट्टी की जांच करने आई एजेंसी के लोगों ने बताया कि ब्रिज बनाने के लिए मिट्टी की जांच के लिए काम शुरू कर दिया गया है। यहां से प्राप्त नमूने को लैब में भेजा जाएगा। जिसकी रिपोर्ट आने में करीब एक महीने का समय लग सकता है। रिपोर्ट के आधार पर ही पुल निर्माण की दिशा में काम आगे बढ़ सकता है।

एनएच और रेल लाइन के पास बनेगा पुल

बताया गया कि कंडी नवादा में दो जगहों पर ब्रिज बनाया जाएगा। एक एनएच-83 के पास और दूसरा गया-पटना रेलखंड के समपार फाटक के पास। पुल की लंबाई और ऊंचाई कितनी होगी इस बारे में कुछ नहीं जानकारी दी गई।

2013 से ही अधिग्रहण की चल रही थी प्रक्रिया

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर रेल लाइन बिछाने के लिए भूमि अधिग्रहण की पहली प्रक्रिया 2013 में शुरू की गई थी। कतिपय कारणों से दो साल तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी तो पुनः 2015 में अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई। 2017 में यह प्रक्रिया जैसे तैसे पूरी की गई। 2017 में पीएपी अवार्ड घोषित किया गया तो डीएफसीसीआईएल खुद सरकार के निर्णयों के खिलाफ आर्बिट्रेटर (मगध प्रमंडल आयुक्त) के न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर दिया। जिसमें  फैसला डीएफसीसी के पक्ष में आने के बाद रैयतों को मुआवजा दिया गया।

कई लोग फैसले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है

कंडी नवादा और कुजापी मौजा के कई रैयत मगध प्रमंडल आयुक्त के न्यायालय के फैसले से असंतुष्ट होकर जिला जज के न्यायालय में वाद दायर कर चुके हैं। जो विचाराधीन है। इस सम्बंध में रैयतों की ओर न्यायालय में पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता रबिन्द्र कुमार बताते हैं कि डीएफसीसी के अधिवक्ता की ओर से प्रस्तुत जवाब का अध्ययन किया जा रहा है। बहुत जल्द प्रत्युत्तर पेश कर दिया जाएगा।

Last Update: April 9, 2024