तू शिशु की प्रथम पाठशाला, नारी तू ही है सरस्वती : डॉ रश्मि
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गया: अन्तरराष्ट्रीय हिंदू परिषद की सहयोगी शाखा ओजस्विनी द्वारा महापर्व नवरात्रि के सुअवसर पर ओजस्विनी जिलाध्यक्षा डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी के नेतृत्व तथा कुशल समन्वयन में बाईपास अवस्थित पंजाबी भवन में “मातृशक्ति आराधना-सह-डांडिया नृत्य समारोह” का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ देवी दुर्गा के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पांजलि तथा माल्यार्पण के साथ हुआ। शस्त्र पूजन के उपरांत ओजस्विनी तथा अहिप के सभी पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं ने सम्मिलित रूप से देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की उपासना करके संयुक्त रूप से आरती की। संपूर्ण समारोह स्थल ‘अंबे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गाये भारती, मैया हम सब उतारें तेरी आरती’ की पावन धुन से गूंज उठा। सम्मान सत्र में ओजस्विनी अध्यक्षा डॉ रश्मि प्रियदर्शनी ने ओजस्विनी के कार्यों तथा विभिन्न आयोजनों में सतत रूप से सहयोग देने हेतु मुख्य अतिथि श्री विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य मणिलाल बारिक, अहिप, दक्षिण बिहार के प्रांत महामंत्री राम बारीक, कार्याध्यक्ष मुक्तामणि, राष्ट्रीय महिला परिषद की संरक्षक रजनी त्यागी, ओजस्विनी की जिलामंत्री अमीषा भारती, महामंत्री शिल्पा साहनी एवं कोषाध्यक्ष प्रतिज्ञा कुमारी, मीडिया प्रभारी अश्विनी कुमार, राष्ट्रीय बजरंग दल के मंत्री संदीप पांडेय एवं राष्ट्रीय बजरंग दल के मानपुर प्रखंड अध्यक्ष विकास कुमार को भगवा अंगवस्त्रम प्रदान करके सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मणिलाल बारिक, रामबारीक एवं मुक्तामणि ने भारतीय संस्कृति की गरिमा को बनाये रखने में ओजस्विनी द्वारा किये जा रहे प्रयत्नों के लिए ओजस्विनी अध्यक्षा सहित सभी पदाधिकारियों को हार्दिक बधाइयाँ दीं।
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कार्यक्रम के तृतीय सत्र में रजनी त्यागी, अमीषा भारती, शिल्पा साहनी, प्रतिज्ञा, अंजली, प्रियांशा, प्रगति मिश्रा, सान्या, सोनालिका, मनु भारती, राजनंदनी, मुस्कान सलोनी, अनीषा, प्रियल साहनी, शीतल साहनी, रितु, सौम्या, सिम्मी, निशा सिंह, कोमल, प्रिया , आरती, नेहा, मीनू आदि ओजस्विनियों ने ‘ओ शेरो वाली, बिगड़े बना दे सबके काम’, नवरात्रि के नौ दिन आये, देना नौ वरदान” जैसे भक्ति गीतों पर डांडिया नृत्य की मनभावन प्रस्तुति दी। डॉ. रश्मि ने ओजस्विनी तथा अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद की ओर से समस्त जिलावासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि नवरात्रि मनाना तभी सार्थक है, जब परिवार तथा समाज में माँ, बहन, बहू व बेटियाँ आत्मसम्मान के साथ स्वस्थ, समृद्ध तथा प्रसन्न जीवन जी रही हों। कहीं भी उनका अपमान न हो, उनके साथ भेदभाव व क्रूरतापूर्ण व्यवहार न हो। डॉ. रश्मि ने अपनी कविता ‘हर नारी में है नवदुर्गा’ की “जब करती है पालन-पोषण, सीता का धर लेती स्वरूप। लड़ती जब बाधा-विघ्नों से, दिखती दुर्गा-सम तू अनूप। संगीत, कला, साहित्य सभी विद्याओं को धारण करती। तू शिशु की प्रथम पाठशाला, नारी तू ही है सरस्वती…” पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा कि महिलाएँ अपनी रक्षा करने में स्वयं ही समर्थ हैं, बस उन्हें अपने अंदर नवदुर्गा को जगाने की जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन अमीषा भारती तथा धन्यवाद ज्ञापन ओजस्विनी अध्यक्ष ने किया।