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वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

गया जंक्शन के बाहरी परिसर में संचालित डीलक्स शौचालय सह स्नानागार के संचालक वारण्यम इंफ्रा सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, पटना के संचालक के विरुद्ध ₹ 2360/- का आर्थिक जुर्माना लगाया गया है। मामला तीर्थयात्रियों से अधिक राशि वसूली किए जाने का है। अधिक वसूली का मामला डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम तक पहुंच गया था। जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ लिया। इस बात की जानकारी जब डीएम तक पहुंच गई तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। डीएम ने स्टेशन अधीक्षक उमेश कुमार से इस संबंध में बात कर इसकी जांच करने और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही। स्टेशन अधीक्षक ने इस मामले से गया जंक्शन के वाणिज्य पर्यवेक्षक(सामान्य) लोकेश कुमार को अवगत कराया। इसके बाद कई बार ये दोनों डीलक्स शौचालय के संचालन कर रहे संवेदक के स्थानीय प्रतिनिधि से व्यक्तिगत तौर पर सम्पर्क साधा। इसके बाद सोमवार की देर शाम डीएम खुद गया जंक्शन पर निरीक्षण करने पहुंच गए।

गयाजी के सम्मान को पहुंचा आघात

डीएम इस बात को लेकर बेहद नाराज थे कि पितृपक्ष मेला 2023 में ‘गयाजी’ आ रहे तीर्थयात्रियों के साथ अधिक राशि की वसूली की गई है। जिससे गयाजी के प्रति यात्रियों में एक गलत संदेश जा रहा है। जबकि देखा जाए तो गया जिला प्रशासन तीर्थयात्रियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो, इसे लेकर एक एक चीज का खुद डीएम मोनिटरिंग करते रहे हैं। साथ ही यहां तीर्थयात्रियों के निशुल्क आवासन व भोजन आदि की व्यवस्था गांधी मैदान में बने टेंट सिटी में की गई है। जहां एक साथ 2500 तीर्थयात्रियों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था की गई है। मंत्री कुमार सर्वजीत कुमार भी इस टेंट सिटी में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुख सुविधाओं पर नजर बनाए हुए हैं तो ऐसे में गया जंक्शन पर तीर्थयात्रियों से अधिक वसूली की गई है तो भला गयाजी से कैसा संदेश लेकर बाहर से रेलमार्ग द्वारा आने वाले तीर्थयात्री जाएंगे, यह गयाजी के सम्मान के साथ आघात ही कहा जा सकता है।

करीब 75 लाख रुपए का है ठीका

बता दें कि डीलक्स शौचालय का ठेका जिस संवेदक या एजेंसी को दी गई है। उसकी अवधि तीन वर्षों के लिए है। रेलवे के आधिकारिक सूत्रों की माने तो करीब 75 लाख रुपए के आसपास का ठिकाना वारण्यम इंफ्रा सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, पटना को दिया गया है। बताया जा रहा है इस शौचालय सह स्नानागार का संचालन(देखरेख) गया के निर्वाचित जनप्रतिनिधि के जिम्मे है। सुनने को आ रहा है कि इनकी कुछ हिस्सेदारी अपरोक्ष रूप में है। जो गया के वाणिज्य विभाग के पर्यवेक्षक के संपर्क में निरंतर बने रहते हैं और विभागीय कार्य का संचालन यही जनप्रतिनिधि किया करते हैं।

सीएसजी की भी बनती है जिम्मेवारी

गया जंक्शन पर वाणिज्य विभाग के कई कार्यालय है। जहां यात्रियों के साथ होने वाली असुविधा या गैरकानूनी तरीके से कार्य के संपादित होने वाली गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी सीएसजी पर है। देखा जाए तो जिस तीर्थयात्रियों से अधिक राशि की वसूली की शिकायत डीएम तक पहुंच रही है तो आम आदमी की बात पूछिए ही मत। सीएसजी ने सिर्फ जुर्माना लगाने के दायित्व का निर्वहन कर अपनी सेवा को इतिश्री कर दिया। लेकिन और कई यात्री ऐसे भी होंगे जिन्होंने कहीं शिकायत दर्ज नहीं किया होगा। वैसे में सीएसजी के कार्यप्रणाली पर एक प्रश्नचिह्न खड़ा लोग कर रहे हैं।

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Last Update: October 3, 2023