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गया: जिला पदाधिकारी गया डॉ. त्यागराजन एसएम ने बुधवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान बोधगया का निरीक्षण किया। उन्होंने संस्थान के डायरेक्टर डॉ. विनीता एस. सहाय और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों से बातचीत कर उन्हें बधाई दी। डायरेक्टर ने बताया कि आईआईएम बोधगया की स्थापना 31 अगस्त 2015 को हुई थी। उन्होंने कहा कि इन वर्षों में संस्थान ने अपने खूबियों का परचम लहराया है और नवाचार, आर्थिक विकास, रोजगार और सामाजिक विकास के लिए योगदान दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 के चुनौतियों के बीच भी संस्थान ने अपने छात्रों का 100% प्लेसमेंट और ग्रीष्मकालीन अंतर्दशा सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि कई प्रतिष्ठित कंपनियों ने छात्रों का कैंपस सेलेक्शन किया है और उन्हें विभिन्न भूमिकाओं में नियुक्त किया है।

डायरेक्टर ने यह भी जानकारी दी कि संस्थान ने अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के साथ शोध के लिए टाई-अप किया है और अपने संकाय के एबीडीसी और स्कोपस में सूचीबद्ध सम्मानित पत्रिकाओं में प्रकाशन कर रहा है। उन्होंने बताया कि आईआईएम बोधगया की विशेषता फाइनेंस, मार्केटिंग, एचआर मैनेजमेंट में है। इसके अलावा यहां ऑपरेशन, इकॉनोमिक्स, पब्लिक पॉलिसी, ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर में भी पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट की पढ़ाई होती है।

बोधगया संस्थान में प्रबंधन कौशल के लिए कई एजुकेशन प्रोग्राम द्वारा प्रशिक्षण देने की सुविधा है। वहीं पीएचडी के लिए इकोनॉमिक्स, फाइनेंस, मार्केटिंग, ऑपरेशन्स, आईटी क्षेत्रों में छात्रों को जगह दी गई है। इंटर के बाद आईपीएम कोर्स भी चल रहा है। बतादें कि आईआईएम को मगध विश्वविद्यालय ने 118.82 एकड़ भूमि स्थानांतरित की है। इसमें 71 एकड़ मगध विश्वविद्यालय परिसर के अंदर और शेष 47 एकड़ विश्वविद्यालय परिसर के बाहर है। इसमें मुख्य रूप से 4 मौजा यथा मोचरिम, बोधगया, रामपुर एवं तुरीखुर्द मौजा शामिल हैं।

आईआईएम बोधगया 412 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य cpwd ( सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्मेंट) द्वारा करवाया जा रहा है।मार्च-अप्रैल 2024 तक हैंड ओवर होने की संभावना है। कैंपस में अकादमिक ब्लॉक, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास, सिमुलेशन लैब, कंप्यूटर लैब, ऑडिटोरियम, मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम बिल्डिंग, स्टाफ क्वार्टर बिल्डिंग, प्रोफेसर क्वार्टर बिल्डिंग, हॉस्टल बिल्डिंग, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बास्केटबॉल कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट, मॉडर्न जिम, योगा रूम, क्रिकेट स्टेडियम शामिल हैं। जिला पदाधिकारी ने पूरे कैंपस का घूमकर निरीक्षण किया। उन्होंने संस्थान के आधुनिक सुविधाओं, शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध और उद्यमिता के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य को सराहा। उन्होंने संस्थान को आगे बढ़ने और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

जिला पदाधिकारी ने संस्थान के ड्रेनेज सिस्टम, पानी की आपूर्ति, बिजली की व्यवस्था, सड़कों की स्थिति, सुरक्षा और स्वच्छता के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने लघु जल संसाधन विभाग के अभियंता, कार्यपालक अभियंता नगर परिषद बोधगया, एनएच के प्रोजेक्ट डायरेक्टर और आरसीडी के कार्यपालक अभियंता को संयुक्त रूप से विजिट करके इन मुद्दों को हल करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईआईएम बोधगया एक महत्वपूर्ण संस्थान है, जो बिहार के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि वे संस्थान को हर संभव सहायता और समर्थन देंगे।

निरीक्षण में डायरेक्टर आईआईएम, आईआईएम के वरीय पदाधिकारी, सहायक समाहर्ता, अपर समाहर्ता राजस्व, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बोधगया, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बोधगया, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।