टिकारी संवाददाता: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना के तत्वाधान में टिकारी के गुलरियाचक में कार्यक्रम का आयोजन गया। इसका उद्देश्य जिले में चलाई जा रही उन्नत कृषि तकनीक द्वारा धान-परती भूमि में दलहन एवं तिलहन फसलों के द्वारा किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस अवसर पर विभागीय कृषि वैज्ञानिक डा. राकेश कुमार (पशु आनुवंशिकी और प्रजनन), डा. सुरेन्द्र कुमार अहिरवाल (मछली संसाधन प्रबंधन) एवं देवेन्द्र मंडल, सहायक प्राध्यापक-सह-कनिष्ठ वैज्ञानिको द्वारा किसानों को विभिन्न पशु रोगों और निवारक उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पशुओं को उनके शरीर में पोषक तत्वों की स्थिति और समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए पूरक खनिज व विटामिन मिश्रण खिलाने तथा नियमित कृमि मुक्ति व टीकाकरण करने की सलाह दी।
साथ ही किसानों को उन्नत किस्म के मुर्गी, देसी नस्ल कड़कनाथ मुर्गी, पोल्ट्री फीडर, वाटरर एवं मुर्गी पालन के लिए दिए जाने वाले फीड और पशुओं में होने वाले विभिन्न बीमारियों के बचाव हेतु दवाओं को तकनीकी सहायता के रूप में दिया गया। कार्यक्रम के दौरान किसानों को सीधी बुआई, धान-परती भूमि में रबी फसल यथा चना, सरसों, कुसुम, तोरिया आदि के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर शोभा कुमारी, रेखा देवी, इंदु देवी, कुंती देवी, सुनैना देवी, मिठू प्रसाद, सहदेव, दिलीप, महेंद्र राम, रविन्द्र यादव सहित कई किसान मौजूद थे।कार्यक्रम का समापन प्रगतिशील किसान आशीष कुमार सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।