गया। एक मां का दिल जब अपने बच्चे के लिए धड़कता है, तो वह किसी भी हद तक जा सकती है। लेकिन कभी-कभी यही ममता एक ऐसा मोड़ ले लेती है, जहां जीवन और मौत के बीच सिर्फ एक छलांग का फासला रह जाता है। गया-कोडरमा रेलखंड पर शुक्रवार शाम ऐसा ही एक मंजर देखने को मिला, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं।
पटना-हैदराबाद स्पेशल ट्रेन (गाड़ी संख्या 07725) में सफर कर रही 30 वर्षीय महिला नीतू रंजन ने जैसे ही सुना कि उसका तीन साल का बेटा ट्रेन से गिर गया है, वह खुद को रोक नहीं पाई। अफवाह थी, लेकिन मां का दिल इसे सच मान बैठा। बिना कुछ सोचे-समझे उसने चलती ट्रेन से छलांग लगा दी। यह उसकी आखिरी छलांग थी।
ममता का दर्दनाक अंत
घटना गुरपा-पहाड़पुर स्टेशन के बीच पोल संख्या 433/17 के पास हुई। किसी ने ट्रेन में अफवाह फैलाई कि एक बच्चा गिर गया है। महिला ने यह सुना और घबरा गई। उसका दिल कह रहा था कि यह उसका ही बच्चा है। बिना पलक झपकाए उसने चलती ट्रेन से छलांग लगा दी। रेलवे सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सहायता की, लेकिन तब तक सब खत्म हो चुका था।
शादी की खुशियां बनी मातम का साया
मृतका नीतू रंजन अपने पति रवि रंजन के साथ बहन की शादी में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ से अपने गांव परोरिया जा रही थी। शादी का घर जहां शहनाईयों से गूंज रहा था, वहां अब मातम पसरा हुआ है। रिश्तेदार और परिवार वाले, जो कुछ देर पहले शादी की तैयारियों में व्यस्त थे, अब रोते हुए भगवान से सवाल कर रहे हैं आखिर यह क्यों हुआ?
गांव में जब यह खबर पहुंची, तो हर कोई सन्न रह गया। बहन की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। घर के आंगन में जो खुशी का माहौल था, वह अब मातम में बदल चुका है।
मासूम बचा, लेकिन मां की ममता हार गई
महिला का तीन साल का बेटा पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन अब उसकी मां उसके लिए सिर्फ एक याद बनकर रह जाएगी। वह बच्चा अब कभी नहीं समझ पाएगा कि उसकी मां ने उसके लिए अपनी जान क्यों दे दी। यह कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि हर उस दिल की है जो ममता के इस दर्दनाक पहलू को समझता है। अफवाह ने एक घर की खुशियां छीन लीं और एक मां की ममता को सदा के लिए खामोश कर दिया