देवब्रत मंडल
गया में मेट्रो रेल परियोजना को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में बोधगया और बेलागंज के विधायक, गया नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर, स्थायी समिति के सदस्य, तथा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक के दौरान डीएम गया, डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत राइट्स कंपनी द्वारा मेट्रो परियोजना के लिए विस्तृत सर्वेक्षण और भौतिक अध्ययन किया गया है। यह सर्वेक्षण तीन महीनों तक चला, जिसमें विशेषज्ञों ने परियोजना के सभी पहलुओं पर गहराई से अध्ययन किया।
36 किलोमीटर में फैलेगी मेट्रो परियोजना
परियोजना के तहत कुल 36 किलोमीटर लंबी मेट्रो रेल लाइन प्रस्तावित है, जिसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा।
- पहला चरण: आईआईएम बोधगया से गया-पटना मार्ग पर सन सिटी तक 22.60 किलोमीटर लंबा रूट।
- दूसरा चरण: पहाड़पुर से विष्णुपद के रास्ते लखनपुर तक 13.48 किलोमीटर लंबा रूट।
इन दोनों चरणों में कुल 28 मेट्रो स्टेशनों का निर्माण होगा। पहले चरण में महाबोधि मंदिर, गया जंक्शन, गांधी मैदान, और एयरपोर्ट जैसे प्रमुख स्थानों पर मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे, जबकि दूसरे चरण में विष्णुपद मंदिर और लखनपुर जैसे स्थान शामिल होंगे।
भविष्य की जरूरतों के मुताबिक योजना
मेट्रो परियोजना को वर्ष 2056 की संभावित जनसंख्या और गया के क्षेत्रीय विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसके तहत 20 हेक्टेयर भूमि जिंदापुर में और 12 हेक्टेयर भूमि लखनपुर में मेट्रो मेंटेनेंस डिपो के लिए चिन्हित की गई है।
सुझावों पर होगा विचार
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने मेट्रो रूट के विस्तार और प्रमुख धार्मिक स्थलों को शामिल करने के सुझाव दिए। बेलागंज विधायक मनोरमा देवी ने बेलागंज के काली मंदिर और कोटेश्वर नाथ धाम को मेट्रो रूट में शामिल करने की अपील की। पूर्व डिप्टी मेयर अखौरी ओंकारनाथ ने फल्गु नदी के किनारे मेट्रो संचालन का सुझाव दिया, ताकि अधिकतम लोग इसका लाभ उठा सकें।
नया गया: मेट्रो से जुड़े सपने को साकार करने की ओर एक कदम
गया की यह मेट्रो परियोजना न केवल शहर के परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाएगी, बल्कि धार्मिक और पर्यटन स्थलों को भी जोड़कर आर्थिक विकास में योगदान देगी। जनप्रतिनिधियों और स्थानीय संगठनों के सुझावों पर गौर करते हुए परियोजना को और प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।