देवब्रत मंडल

जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में भू अर्जन विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में हुई। डीएम से जिला भूअर्जन पदाधिकारी के साथ साथ सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को कहा कि गया ज़िले से होकर कई नेशनल परियोजना की सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है। कई योजनाएं संचालित है। ऐसे में सभी अधिकारी का यह दायित्व बनता है कि परियोजनाओं के संचालन में कहीं से कोई दिक़्क़त नहीं हो। इसके लिये डीएम ने नियमित समीक्षा एव कार्य की प्रगति को देखते रहने का निर्देश दिया।

परियोजनाएं जिसकी समीक्षा हुई
भू अर्जन कार्यालय से संचालित योजनाएं AKIC अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर, एनएच 119डी भारत माला (आमस से रामनगर), एनएच 02 औरंगाबाद से चोरदाहा सिक्स लेन चौड़ीकरण), एनएच 83 पटना गया डोभी 4 लेन चौड़ीकरण, बंधुआ से पैमार रेलवे लाईन हेतु भूमि अधिग्रहण, डीएफसीसीआईएल रेल परियोजना, एनएच 82 ( गया हिसुआ बिहारशरीफ फोर लेन चौड़ीकरण) आदि की समीक्षा की गई। अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के समीक्षा में जिला पदाधिकारी ने जिला भू अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि तेजी से शत प्रतिशत राशि रैयतों के बीच मुआवजा वितरण करने का अंतिम निर्देश दिया है।
जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि अमृतसर दिल्ली कोलकाता आद्योगिक कॉरिडोर के तहत कुल 13 मौजा 1670.22 एकड़ का रकबा है। उक्त परियोजना के निर्माण हेतु 253 करोड़ के विरुद्ध 160.55 करोड़ रुपए का वितरण किया जा चुका है। इस परियोजना में 1579 हितबद्ध रैयतों है, जिसके विरुद्ध 1172 रैयतों को भुगतान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि रैयतों की जमाबंदी पूर्वजों के नाम के होने के कारण वर्तमान रहे लोगो को भुगतान में थोड़ी धीमी प्रगति है मुआवजा भुगतान हेतु मौजावार शिविर का आयोजन निरंतर किया जा रहा है।
जिला पदाधिकारी ने अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर योजना के तरह एलपीसी निर्गत में धीमी प्रगति को देखते हुए निर्देश दिया कि कैंप के माध्यम से रैयत के बीच एलपीसी निर्गत करने में तेजी लावे। जिला पदाधिकारी ने सख्त निर्देश दिया कि भूमि के मापी के नाम पर कार्य धीमा ना रखें। अधिक से अधिक एलपीसी निर्गत करें। रैयतों की सूची बनाएं और कैंप के माध्यम से एलपीसी निर्गत करें। प्रतिदिन उक्त प्रोजेक्ट की समीक्षा अंचल अधिकारी से करें साथ ही रैयतो को उनकी भूमि अधिग्रहण से संबंधित पूरी जानकारी दें। जानकारी के अभाव में रैयतों को मुआवजा प्राप्त हेतु आवेदन जनरेट नही हो रहा है। जिला पदाधिकारी ने जिला भू अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि रैयतों का अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त करने हेतु अंचल कार्यालय के साथ-साथ जिला भू अर्जन कार्यालय में भी आवेदन प्राप्त करना सुनिश्चित करें। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक ग्राम वार प्रतिदिन शिविर लगाएं तथा शिविर में रेवेन्यू ऑफिसर एवं दो कर्मचारी, जो किसी दूसरे अंचल के रहेंगे। उन्हें प्रतिनियुक्त करते हुए शिविर में अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त करें। अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी तथा डीसीएलआर शेरघाटी को निर्देश दिया कि पूरे कैंप का अच्छी तरीके से मॉनिटरिंग करेंगे।
एनएच 119 डी भारतमाला आमस से रामनगर निर्माण योजना के समीक्षा में बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 57 राजस्व ग्राम है तथा इसकी प्राक्कलित राशि 254.733 करोड़ में से 180.03 करोड़ रुपये रैयत के बीच मुआवजा वितरित की जा चुकी है। ज़िला भूअर्जन पदाधिकारी ने बताया कि 6 अंचलो में मौजावार शिविर का आयोजन किया जा रहा है। एनएच 02 औरंगबाद से चोरदाहा सड़क चौड़ीकरण योजना के समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 64 राजस्व ग्राम है। इस योजना के तहत कुल 316 करोड़ रूपया प्राक्कलित राशि है जिसके विरुद्ध 205.61 करोड़ रुपया रैयत के बीच वितरित किया जा चुका है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि चकबंदी से प्रभावित 10 मौजा में प्राक्कलन का अनुमोदन प्राप्त हो गया है। रैयत को आवश्यक कागजात तैयार कर उपलब्ध कराने हेतु नोटिस निर्गत किया गया है। उन्होंने बताया कि मौजा अछ्वा, मनन बिगहा एवं अन्य मौजा में छोटे हुए खेसरा का गजट प्रकाशन किया जाना है।
एनएच 82 गया हिसुआ बिहार शरीफ सड़क चौड़ीकरण योजना के समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 41 राजस्व ग्राम है तथा 122.85 हेक्टेयर दखल कब्जा का रखवा है। इस योजना के तहत 189 करोड़ प्राकृत राशि में से 169.14 करोड़ रूपया रैयत के बीच वितरित किया जा चुका है।
एनएच 83 पटना गया डोभी फोर लेन चौड़ीकरण योजना के समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 62 राजस्व ग्राम है तथा 256.31 दखल कब्जा का रखवा है। इस योजना के तहत 662.687 करोड़ रुपया प्रकालित राशि है जिसमें 535.77 करोड़ों रुपया वितरित की जा चुकी है।
जिले में एक महत्वपूर्ण योजना जो भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी से कोलकाता ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे, जो शेरघाटी के इमामगंज एवं डुमरिया अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र से होते हुए गुजर रही है। यह योजना गया जिले के लिए काफी महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना के तहत कुल 29 मौजा है। डुमरिया अंचल के अरवन सलैया, छकरबंधा एवं बरहा का क्षेत्र पड़ता है। तथा इमामगंज अंचल के दुबहल, बसेरा, जमुना, बरडीह, बसतपुर, सिलहना, रंगा, बसरा, चपरी, वंशी,महापुर, कुसुम्बा,पिपरा नौडीहा होते हुए आगे तक जाएगी। इस परियोजना में कुल 34.75 किलोमीटर क्षेत्र शामिल है औरंगाबाद जिले के बाद डुमरिया अंचल के मौजा अर्बन सलैया से उक्त परियोजना प्रवेश करती है एवं इमामगंज अंचल के मौजा संग्रामपुर होते हुए चतरा जिला झारखंड में प्रवेश करती है।
डीएफसीसीआईएल रेल परियोजना के समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 152.784 हेक्टेयर रखवा निहित है 148 हेक्टेयर रकबा दखल कब्जा का है। इस परियोजना में 424.18 करोड़ रूपया प्रकलित राशि है। तथा इसके एवज में कुल 353.67 करोड़ रुपया रैयत के बीच वितरित किया जा चुका है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत एलपीसी एवं पारिवारिक विवाद होने के कारण मुआवजा भुगतान थोड़ी धीमी है। 34 करोड़ रुपया कंडी नवादा में एलपीसी एवं परिवारिक सहमति के कारण भुगतान पेंडिंग है।

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