
टिकारी संवाददाता: टिकारी शहर के विवेकानंद कालनी में रहने वाले अवकाश प्राप्त स्वास्थ्यकर्मी राजेन्द्र शर्मा के पुत्र न्यायिक अधिकारी आलोक रंजन को कानून में डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किए गए हैं। उन्हें यह सम्मान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से संपोषनीय विकास एवं जैव विविधता विषय पर पीएचडी करने के बाद गत सप्ताह विवि में आयोजित एक समारोह में प्रदान की गई। दरअसल मूलरूप से घेजन ग्राम के रहने वाले आलोक रंजन वर्तमान में मोहनिया में सिविल जज के रूप में पदस्थापित हैं। न्यायिक पद पर रहते हुए रंजन ने पटना उच्च न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। रिसर्च के दौरान उन्होंने संपोषणीय विकास एवं जैव के प्रबंधन के संदर्भ में खासकर कानून के परिपेक्ष्य में बौद्धिक संपदा अधिकार पर विशेषज्ञों के समक्ष अपना थेसिस (शोध) प्रस्तुत किया था। उन्होंने बताया कि इन पूरा कार्य बीएचयू के विधि संकाय के रहे प्राध्यापक बी एन पांडेय के कुशल पर्यवेक्षण में तैयार किया था।
न्यायाधीश रंजन के इस उपलब्धि पर सेवानिवृत्त शिक्षिका विद्या देवी, मालती देवी, शांति कुमारी, अधिवक्ता आशुतोष रंजन, राजेश कुमार सहित इनको चाहने वाले दर्जनों इष्टमित्रों, स्वजनों एवं बुद्धिजीवियों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है। पीएचडी की उपाधि हासिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए रंजन ने कहा कि न्यायालय के कार्य अवधि में न्यायिक कार्य को पूरा करते हुए व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर रिसर्च कार्य पूरा करने और इसके बाद यह सम्मान हासिल करने के बाद काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हुं।