टिकारी संवाददाता: टिकारी प्रखंड अंतर्गत अलालपुर स्थित देहवार स्थान के महंथ 90 वर्षीय बाबा राम अकबाल दास का शुक्रवार की रात्रि अचानक निधन हो गया। वे अपने देहवार स्थान स्थित अपने कुटिया में अंतिम सांस ली। महंथ राम अकबाल बड़ी छावनी अयोध्या के श्री श्री 108 बाबा प्रेम दास के परम शिष्य थे। जानकारों के अनुसार शुरू से ही बैराग्य जीवन के रूप में देहवार स्थान में बिता रहे थे। जिस जगह पर लोग दिन के उजाला में आने से डरते थे, उस स्थान को बाबा ने एक जागृत धार्मिक तीर्थ व पूजा स्थल के रूप में विकसित कर सुर्खियों में आये। इसके बाद यंहा शंकर, हनुमान, मसान, सूर्य मंदिर आदि का निर्माण कर एक कीर्तिमान बनाया। बियावान स्थल को धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित कर श्रद्धालुओं के वे आस्था और भक्ति का केंद्र बने थे। 90 वर्षीय बाबा लगभग 40 वर्षों से अन्न त्याग कर दूध, जल एवं आलू का सेवन कर रहे थे।
बाबा के द्वारा देहवार स्थान पर चार महत्वपूर्ण यज्ञ सम्पन्न कराकर इसकी ख्याति दूर दूर तक पहुंचाई। लगभग 35 वर्ष पहले बाबा के द्वारा जमीन में समाधि लेकर अखंड कीर्तन का आयोजन काफी दिनों तक चर्चा का विषय बना रहा। लगभग 5 वर्षों तक जेठ माह के तपती धूप के भी अग्नि लिया करते थे। इन्होंने अलालपुर के अलावे बेदौली, सोवाल, कल्याणपुर, बेलदार बिगहा, जमनगंज आदि कई गांवों मे मंदिर का निर्माण कराकर एक कीर्तिमान स्थापित की। त्याग के मूर्ति बाबा राम अकबाल दास के द्वारा इसके अलावे अनगिनत सराहनीय कार्य कराया जा चुका है। मरणोपरांत इनके अंतिम दर्शन हेतु दर्जनों गांव के श्रद्धालु व भक्तों का तांता शनिवार को दोपहर तक लगा रहा। इनका अंतिम संस्कार पटना स्थित दीघा के गंगा घाट पर जलप्रवह के रूप में कर दिया गया।