“भारतीय संविधान को दैनिक जीवन में आत्मसात करना समय की मांग है” – डॉ. सुमित कुमार पाठक
गया। गौतम बुद्ध महिला कॉलेज में संविधान दिवस के 75वें वर्ष को विशेष बनाने के लिए राजनीति विज्ञान विभाग, आईक्यूएसी और एनएसएस इकाई के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय व्याख्यान आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम “भारतीय संविधान के 75 वर्ष: मूलभूत मूल्यों का महत्व” विषय पर केंद्रित रहा।
कार्यक्रम का संयोजन राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष एवं नैक समन्वयक डॉ. शगुफ्ता अंसारी ने किया। दीप प्रज्ज्वलन के साथ उद्घाटन समारोह में प्रभारी प्राचार्य डॉ. सहदेब बाउरी, केंद्रीय विश्वविद्यालय साउथ बिहार के सहायक प्रोफेसर एवं मुख्य वक्ता डॉ. सुमित कुमार पाठक, रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. अफशां सुरैया, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, एनएसएस पदाधिकारी डॉ. प्रियंका कुमारी, और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत कुलगीत और स्वागत गीत से हुई। मुख्य अतिथि डॉ. सुमित कुमार पाठक का स्वागत अंगवस्त्र और पौधा भेंटकर किया गया।
संविधान के मूलभूत मूल्यों का महत्व
प्रभारी प्राचार्य डॉ. सहदेब बाउरी ने भारतीय संविधान के निर्माण की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए इसे समाज में समानता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने का आधार बताया। अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों के माध्यम से संविधान की महत्ता पर विचार साझा किए।
मुख्य वक्ता डॉ. सुमित कुमार पाठक ने भारतीय संविधान को संप्रभुता का प्रतीक बताते हुए कहा, “संविधान जीवन जीने का मार्ग है, जिसमें समानता और न्याय सर्वोपरि हैं। संविधान की प्रस्तावना में ‘हम भारत के लोग’ शब्द देश में नागरिकों को सर्वोपरि बनाते हैं। संविधान केवल पढ़ने और समझने का विषय नहीं, बल्कि इसे दैनिक जीवन में आत्मसात करना आवश्यक है।” उन्होंने न्यायपालिका को संविधान का संरक्षक और व्याख्याकार बताया।
संस्कृति और एकता की झलकियां
छात्राओं ने विभिन्न भारतीय राज्यों की वेशभूषा और संस्कृतियों को रंग-बिरंगी झांकी के माध्यम से प्रस्तुत किया। इसके साथ ही “जय संविधान” गीत पर नृत्य ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।
कार्यक्रम का संचालन छात्रा श्रुति ने किया, जिन्होंने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और उपस्थित सभी को संविधान की गरिमा बनाए रखने की शपथ दिलाई। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रियंका कुमारी ने किया, जिन्होंने मुख्य वक्ता और सभी उपस्थितजनों के प्रति आभार व्यक्त किया।