
महात्मा ज्योतिबा क्रांतिकारी संघ के राष्ट्रीय संयोजक राजद नेता विनय कुशवाहा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अभी से देश में अच्छे दिन आ गए। जिस तरह से केंद्र की सरकार ने खाने की सामग्री पर जीएसटी लगाकर देश के आम जनता को अच्छे दिन का तोहफा दिया इससे आम जनता हलकान में है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार केंद्र की सरकार ने खाने की सामग्री पर जीएसटी लागू किया गया है ,जिसमे 5 प्रतिशत से लेकर 12 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगेगा। एक तो पहले से ही पेट्रोल और डीजल की महंगाई से देश की जनता कराह रही है, महंगाई चरम सीमा पर पहुंच चुका है, दूसरी ओर खाने की वस्तु पर भी साथ ही साथ बच्चों को पढ़ने के लिए पेंसिल कलम तक पर जीएसटी 12 से 18 प्रतिशत लगाकर देश की जनता को देश के माननीय प्रधानमंत्री ने अच्छे दिन का तोहफा दे दिया , इतना ही नहीं अस्पताल के कमरा पर भी जीएसटी 18% लगेगा जिसका सीधे बोझ देश की आम जनता पर पड़ेगा।
विनय कुशवाहा ने कहा कि एक तो रोजगार के अभाव में करोड़ों युवा मारे फिर रहे हैं , रोजगार नहीं मिलने के कारण देश के किसान मजदूर गरीबी की चक्की में पीस रहे ऊपर से मंगाई और फिर जीएसटी का मार से आम जनों का जीवन जीना दूभर होता जा रहा है। सरकार बनने से पूर्व देश के माननीय प्रधानमंत्री ने अच्छे-अच्छे सपने दिखाए थे ,लेकिन सरकार में आते देश की जनता को सिर्फ बेरोजगारी महंगाई गरीबी भूखमरी का तोहफा दिया।
श्री कुशवाहा ने केंद्र सरकार से खदान सामग्री पर अभिलंब जीएसटी वापस लेने की मांग की है साथ ही साथ देश के करोड़ों करोड़ बच्चों के पढ़ाई में पेंसिल कॉपी पर लगने वाले जीएसटी को भी वापस लेने की मांग की है , नहीं तो इस देश की जनता इतनी महंगाई बर्दाश्त नहीं करेगी और बड़ा जन आंदोलन होगा। इस मौके पर डॉ अशोक कुमार , सत्येंद्र प्रसाद सुमन ,विक्रमादित्य सिंह कुशवाहा प्रोफेसर राज कुमार रंजन, कुमार शंभू प्रसाद अधिवक्ता, सत्येंद्र पांडे, सुबोध ठठेरा, जितेंद्र वर्मा, मनोज कुशवाहा, पंकज कुमार यादव, भोला यादव, टुनटुन यादव सहित कई नेताओं ने भी खाद्य सामग्री पर जीएसटी वापस लेने की मांग की है।