नहीं तो मुआवजा राशि पर मिलने वाले ब्याज से हो सकते हैं वंचित


वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
बिहार में विशेष रेल परियोजना ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के लिए बिछाई जा रही नई रेल के लिए गया जिले के नगर अंचल चंदौती के कंडी नवादा और कंडी नवादा वार्ड नं 1 (छोटकी नवादा 047) की जमीन का अधिग्रहण का कार्य विभागीय स्तर पर पूरा कर लिया गया है। कई भूधारियों ने अपनी जमीन के बदले मिलने वाली मुआवजे की राशि प्राप्त कर चुके हैं। कुछ भूमि के रैयतों के नाम छूट गए हैं को भी इसकी सूचना देते हुए जमीन के मालिकों से कागजात की मांग गया जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने की है। ताकि उन्हें भी शीघ्र मुआवजे का भुगतान करा दिया जाए। वहीं जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने एक सूचना सार्वजनिक करते हुए उन भूधारियों को सूचित किया है जो मुआवजे का भुगतान के लिए नोटिस जारी कर दिए जाने के बाद भी अबतक मुआवजा राशि लेने के लिए वैध कागजातों के साथ अपना दावा प्रस्तुत नहीं किया है। ऐसे लोगों के लिए अंतिम समय सीमा 30 मार्च 2022 तय की गई है। पदाधिकारी ने कहा है कि यदि तय समय तक यदि रैयत नहीं उपस्थित होते हैं तो 31 मार्च के बाद उनकी मुआवजे की राशि सक्षम प्राधिकरण में जमा कर दिया जाएगा। ऐसे में नियमानुसार मुआवजे की राशि पर मिलने वाली ब्याज की राशि से भूधारियों को वंचित कर दिया जा सकता है। बता दें कि कई रैयत निर्धारित मुआवजा की दर को नहीं स्वीकार कर न्यायालय में डीएफसीसीआईएल के खिलाफ वाद दायर कर चुके हैं। ऐसे रैयतों ने न्यायालय के शरण में चले गए हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि जिस निर्धारित दर से उनकी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है, वह अनुचित और अवैधानिक है। वाद दायर कर चुके अवार्डी के अधिवक्ता रबिन्द्र प्रसाद, विमल अग्रवाल और देवब्रत मंडल का कहना है कि कंडी नवादा मौजा की अधिग्रहित की जा चुकी जमीन का जो दर निर्धारित किया गया है, वो गलत है। संशोधित भूमि अधिग्रहण कानून 2013 और अन्य सही तथ्यों को दरकिनार कर रैयतों को मुआवजे की राशि तय करते हुए भुगतान की गई है। जिसके खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायाधीश, गया के न्यायालय में वाद विचाराधीन है। जिसकी अगली सुनवाई अप्रैल माह में होगी।