वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल


जिन लोगों की जमीन कंडी नवादा मौजा में है और रेल परियोजना डीएफसीसीआईएल के लिए अधिग्रहित की जा चुकी है और मुआवजे की राशि अबतक एलपीसी के कारण नहीं मिली है वे अपना कुछ आवश्यक कार्य शीघ्र करा लें। ताकि मुआवजे की राशि लेने या भुगतान पाने में किसी भूधारियों को परेशानी न हो। ऐसा हम नहीं, बल्कि भूअर्जन और मुआवजे के भुगतान करने से संबंधित कार्यालयों से ऐसी बातें सामने आई है। जैसा कि मालूम ही है सभी को कि गया जिले के नगर अंचल के कंडी नवादा 189 मौजा की जमीन डीएफसीसीआईएल रेल परियोजना के लिए अधिग्रहित की जा चुकी है। जिसमें अधिकांश रैयतों को मुआवजे की राशि का भुगतान उनके द्वारा समर्पित वैध कागजत की जांच के बाद कर दिया गया है। लेकिन 59 रैयतों को मुआवजे की राशि अबतक किसी न किसी कारणों से रुकी हुई है। इस बीच गया जिला भूअर्जन पदाधिकारी ने नगर अंचल के सीओ को पिछले दिनों एक पत्र के साथ अवार्डी की सूची भेजकर तीन दिनों के अंदर ऑफलाइन लगान जमा लेकर एलपीसी निर्गत करने का आदेश दिया है। इधर जो जानकारी प्राप्त हो रही है कि अंचल कार्यालय में नाजिर और कार्यालय अधीक्षक(बड़ा बाबू) के पद रिक्त पड़े हैं। बड़ा बाबू का तबादला कोंच अंचल/प्रखंड के लिए और नाजिर का तबादला जिला मुख्यालय में कर दिया गया है। इसके बाद से किसी की प्रतिनियुक्ति इन दोनों पदों पर नहीं हो सकी है। ऐसे में कुछ आवश्यक पंजी/दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण ऑफलाइन एलपीसी और लगान जमा करने के कार्य में परेशानी हो रही थी, लेकिन सुनने में आ रहा है कि अब यह समस्या दूर कर ली गई है। ऐसे में उन रैयतों से कहा जा रहा है कि अधिग्रहित जमीन का मुआवजा लेने के लिए एक शपथपत्र कार्यपालक दंडाधिकारी के पास करा लें कि अमुक जमीन पर उनका या उनके वशंजों का कब्जा आज की तिथि में बरकरार है। साथ में यदि वंशावली की जरूरत होती है तो वो भी तैयार करने के बाद अंचल कार्यालय में लगान जमा कर अद्यतन रसीद प्राप्त कर लें और एलपीसी के लिए आरटीपीएस काउंटर पर जमा कर दें। ताकि जल्द दोनों दस्तावेज कार्यालय से निर्गत हो सके और रैयतों को शीघ्र मुआवजे की राशि का भुगतान करा दिया जाए। यदि समय से रैयत ऐसा नहीं करा पाते हैं तो आगे के दिनों में उन्हें मुआवजा की राशि लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।