
✍️ दीपक कुमार
कबीरपंथ के महान संत गरीब दास जी महराज के बोध दिवस के अवसर पर रविवार को भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। यह शोभा यात्रा संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों के द्वारा निकाला गया। शोभा यात्रा गया- बोधगया सड़क मार्ग स्थित सुरजपुरा गांव स्थित संत रामपाल जी महाराज के नामदान केंद्र से निकल कर भुसंडा ,मुफ्फसिल मोड़ होते हुए दुखहरनी मंदिर होते स्वराजपुरी रोड के बाद सिकरिया मोड़ होते बोधगया के दोमुहान मोड़ पहुंची। तत्पश्चात बोधगया से पुनः सूरजपूरा गांव स्थित आश्रम पर शोभा यात्रा का समापन हुआ। इस दौरान गया जिला ,औरंगाबाद जिले ,अरवल जिले के हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपने अपने चार पहिया वाहन और दो पहिया वाहन पर सवार होकर इस शोभा यात्रा में शामिल हुए। शोभा यात्रा के दौरान ” जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा है हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा है ” वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है जैसे नारों से गया शहर गुंजायमान होता रहा।



इस आध्यात्मिक चेतना यात्रा में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के बताए गए आठ उद्देश्यों नशा, दहेज, पाखंडवाद , भ्रष्टाचार तथा सभी धर्मो के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित सतभक्ति जैसे विषयो को लेकर लोगो को जागरूक किया गया। इस अवसर पर संत रामपाल महाराज ने समाज में व्याप्त सामाजिक समस्याओं के बारे में जागरूक किया। इस मौके पर संत रामपाल जी महाराज के एक अनुयाई भक्त रूपेश दास ने बताया की मानव समाज में प्रमुख रूप से शराब, गुटखा, सिगरेट, गुटखा, जुआ, दहेज, भ्रूणहत्या, जातिवाद जैसी विकट समस्या और चरम पर पहुंचे पाखंडवाद जैसी बुराईयां और कुरीतियों से इंसान आज घुट-घुट कर जी रहा है। धीरे-धीरे समाज नास्तिकता व कट्टरता की तरफ बढ़ रहा हैं। यह विकृति समाज के लिए ही नहीं बल्कि मानवता के लिए भी घातक है। उन्होंने बताया कि संत रामपाल महाराज इन सभी बुराइयों से जल रहे मानव समाज को, सभी पवित्र धर्मों की ग्रंथो सें प्रमाणित ज्ञान देकर सभ्य और सुसंस्कृत समाज बनाने का कार्य कर रहे हैं। इस शोभा यात्रा के दौरान पर बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।