
बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ की गया जिला इकाई का दूसरा सम्मेलन धर्मसभा भवन में रविवार को संपन्न हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए संघ के महासचिव सरोज चौबे ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब सरकार आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रही है। दूसरी तरफ कंगना रनौत जैसे लोगों को प्रश्रय दे रही है, जो कह रही हैं कि 1947 में आजादी भीख में मिली थी। असली आजादी तो 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा आजादी के शहीदों का अपमान करने वाली कंगना रनौत का पुरस्कार वापस लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 29 सितंबर को मोदी सरकार ने सर्कुलर जारी करके मध्यान्ह भोजन योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री कल्याण योजना कर दिया। इस सर्कुलर में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं किसानों से अनाज खरीद कर भोजन बनवाने का काम करेंगी। सरकार प्रधानमंत्री कल्याण योजना का समय पांच साल निर्धारित कर दिया है। जबकि मध्यान्ह भोजन योजना नियमित चलने वाली योजना है। इसके जरिए सरकार रसोइयों की छंटनी करने का काम करेगी। इसके खिलाफ संघर्ष तेज किया जाएगा। मुख्य वक्ता ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष कामरेड श्याम लाल प्रसाद ने कहा कि सरकार श्रमिकों के पक्ष में बने 44 श्रम कानूनों को खत्म करके मालिकों के पक्ष में चार कानून बना दिया। जब से मोदी सरकार आई है विद्यालय रसोइयों का एक भी पैसा भी नहीं बढ़ाया। अपने मानदेय को बढ़ाने के लिए रसोइयों को आंदोलन तेज करना होगा। सम्मानित अध्यक्ष रीता वर्णवाल ने कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर 30 नवंबर को धरना दिया जाएगा। बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ, ऐक्टू गया जिला ईकाई के जिला सचिव रामचन्द्र प्रसाद ने बताया कि सम्मेलन के अंत में 15 सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया। संघ की सम्मानित अध्यक्ष रीता वर्णवाल, अध्यक्ष विभा भारती, सचिव उन्हें बनाया गया। उपाध्यक्ष हीरालाल व मंजू देवी को बनाया गया। सह सचिव, प्रतिमा देवी और सरोज देवी को जबकि कमेटी सदस्य मानो देवी ,मालती देवी ,रीता देवी , रीना देवी, पूनम देवी ,सुनीता देवी व रीना देवी को बनाया गया। सम्मेलन को ऐक्टू के जिला अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद ने भी संबोधित किया। उन्होंने बढ़ती मंहगाई पर चिंता जाहिर किया। सम्मेलन से पूर्व झंण्डोत्लन व शहीद वेदी पर माल्यार्पण किया गया।
रिपोर्ट – वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल