मुआवजा की मांग को लेकर भूमि अधिग्रहण विरोधी संघर्ष समिति ने की बैठक
वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

भूमि अधिग्रहण विरोधी संघर्ष समिति की बैठक रविवार को शहर के गोविंदपुर सूर्य मंदिर के प्रांगण में हुई। अध्यक्षता रामचंद्र प्रसाद ने की। बैठक में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा अलग से बिछाई जा रही नई रेल लाइन के लिए कंडी नवादा मौजा की जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत मुआवजे के भुगतान में हो रही देरी पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे रामचंद्र प्रसाद एवं अन्य भूधारियों ने बताया कि डीएफसीसी के कोलकाता मुख्यालय के सी.पी.एम. द्वारा 2018 में मगध प्रमंडल आयुक्त के न्यायालय में मध्यस्थता केस संख्या 112 और 113 दायर किया गया है। जिसकी अंतिम सुनवाई 5 अगस्त 2021 के बाद डीएफसीसी, जिला भूअर्जन पदाधिकारी और उभय पक्ष रैयतों की ओर से लिखित नोट अगस्त और सितंबर महीने में ही आयुक्त के न्यायालय में दाखिल कर चुके हैं। परंतु इस वाद में अबतक कोई आदेश निर्गत नहीं किए जाने से भूधारियों को उनकी जमीन और मकान की जो मुआवजा राशि निर्धारित की जा चुकी है। उसका भुगतान नहीं हो सका है। बैठक में शामिल भूधारी अशोक प्रसाद, सुनील प्रसाद, शुभम कुमार, उमाशंकर प्रसाद सिंह, पूर्व सैनिक परमानंद सिंह, मीणा देवी आदि ने बताया कि जिला भूअर्जन पदाधिकारी राम निरंजन चौधरी ने दोनों वाद में अपना लिखित पक्ष पत्रांक 873 एवं 874/11.09.2021 आयुक्त के न्यायालय में दाखिल कर चुके हैं। जबकि डीएफसीसी और भूधारियों की ओर से विद्वान अधिवक्ता भी लिखित रूप में अपना पक्ष रख चुके हैं, परंतु अबतक इन दोनों वाद में कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। जिससे कंडी नवादा के भूधारियों में मुआवजा राशि मिलने में देरी होने से असंतोष की भावना पनप रही है। लोगों ने राज्य सरकार से शीघ्र मुआवजे की राशि की भुगतान की दिशा में ठोस पहल करने की मांग की है।