भारतीय संस्कृति अनेक पर्व-त्योहारों को खुद में समेटे है । इन्हीं में से एक भैया-दूज का व्रत त्योहार हैं । प्रखंड में बुधवार को भैयादूज का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है । इस क्रम में बहनों ने अपने भाईयों की लंबी उम्र की कामना की । इस व्रत पूजा करने के लिए बहनें उपवास रखती है । नहा-धोकर गाय के गोबर से चौकोर बनाकर उसमें पूजा की । इसके पूर्व सुबह स्नान कर बहनों ने मंदिरों में पूजा-अर्चना की । इसके बाद घरों में गोधन कूट भाइयों की लंबी उम्र की कामना की । सुबह से ही भैयादूज को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया । इस दौरान बहनें सुबह उठकर स्नान कर निर्जला उपवास रख भगवान को 56 भोग लगा कर पूजा-अर्चना की ।

बहनों ने अपने घर के आंगन व दरवाजे के समीप एक साथ जुटकर अन्नकूट किया । इस दौरान बहनों ने समाठ, फूलमाला, अक्षत, रोड़ी, रेंगनी का फूल, कद्दू का फूल, नारियल, लाल सुता व अन्य समानों का अन्नकूट कर अपने भाई को तिलक लगाकर उसके दीर्घायु होने की कामना की । साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराकर वस्त्र समेत अन्य समान दान किया । इस दौरान पूजा-अर्चना को ले मोहल्लों व गलियों में सुबह से ही जगह-जगह पर बहनों की भीड़ लगी रही । बता दें कि दीपावली का अंतिम त्योहार भैयादूज है । जिसे यम द्वितीया भी कहा जाता है । कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाया जाता है । कथा के मुताबिक इस दिन यमराज की पूजा की जाती है । बहनें इस पूजा के रूप में यमराज को प्रसन्न कर अपने सभी भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती है । पूजा के दौरान गीत भी गाया गया । पूजन के दौरान गोधन कूटकर भाई को खिलाया गया ।