वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
सशस्त्र सीमा बल, बिहार पुलिस तथा प्रशासन के समक्ष भा०क०पा० माओवादी सब जोनल कमांडर लक्ष्मीकांत पासवान उम्र 31 वर्ष, पिता गणेश पासवान ग्राम कोठिलवा थाना लुटुआ, जिला-गया (बिहार) ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया। इस मौके पर छेरिंग दोरजे, उप महानिरीक्षक, क्षेत्रीय मुख्यालय (विशेष प्रचालन) सशस्त्र सीमा बल गया, हरप्रीत कौर वरीय पुलिस अधीक्षक गया, एच.के गुप्ता कमांडेंट 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, मनोज राम पुलिस उपाधिक्षक इमामगंज सी आर पी एफ, कोब्रा एवं एस एस बी के अन्य अधिकारी उपस्थिति थे। इन सभी की उपस्थिति में शुक्रवार को भा.क.पा. माओवादी के हार्डकोर सदस्य सब जोनल कमांडर लक्ष्मीकांत पासवान ने आत्मसमर्पण किया है

नक्सली संगठन छोड़ने / आत्मसमर्पण का मुख्य कारण
नक्सली नेता बदलाव और न्याय के नाम पर धन उगाही करते है और इसके लिए अपने कैडरों का शोषण करने से भी नहीं चूकते है। कई नक्सली नेता अपने लिए बड़े-बड़े मकान, गाड़ी और सम्पत्ति खड़ा कर चुके है और अपने दस्ता सदस्यों को दो टाइम का खाना भी नसीब नहीं होने देते है। ये कहानी बिहार के छकरबंधा वन क्षेत्र में सक्रिय नक्सली संगठन में आम है। इससे सक्रिय नक्सली कैडरों में असंतोष की भावना घर कर गयी है। इसके ऊपर SSB तथा अन्य केंद्रीय बल और बिहार पुलिस द्वारा लगातार नक्सल विरोधी अभियान के कारण, नक्सली जिदंगी असुरक्षित है और दिन-रात जंगल में भटकते रहने को मजबूर है। भा०क०पा० माओवादी नक्सली संगठन अपने सिद्धान्त से पूरी तरह भटक गया है एवं वर्तमान में लूट-खसोट एवं शोषण का अड्डा बन कर रह गया है। 07 जून 2022 को संगठन में रहते हुए लक्ष्मीकांत की शादी हुई। यह संगठन में नहीं रहना चाहता था। अतः 16 जून 2022 को संगठन से भागने में कामयाब हो गया तथा भागकर ककिर (छत्तीसगढ़) में दोस्त लोग के पास जाकर मजदूरी करने लगा था। वही से लक्ष्मी कांत पासवान ने नक्सली संगठन छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए सशस्त्र सीमा बल ई समवाय बीबीपेसरा के कंपनी कमांडर रामवीर कुमार सहायक कमांडेंट के जरिए एच.के गुप्ता कमांडेंट 29 वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल गया से संपर्क किया और आत्मसमर्पण करने की इच्छा जतायी। तदोपरांत सशस्त्र सीमा बल 29 वी वाहिनी के कमांडेंट ने अपने वरिष्ठ अधिकारी एवं बिहार पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियो से विचार। विमर्श करके सुरक्षित तरीके से उपरोक्त माओवादी लक्ष्मी कांत पासवान को सकुशल आत्मसमर्पण का आश्वासन दिया ताकि वह समाज की मुख्य धारा में पुर्नस्थापित हो सके। उपरोक्त आश्वासन के पश्चात् उपरोक्त माओवादी लक्ष्मी कांत पासवान द्वारा स्वयं आत्मसमर्पण का निर्णय लिया गया और आज यहाँ पर आपके समक्ष उपस्थित है। इसने हिम्मत दिखाकर नक्सली संगठन को छोड़ दिया और समाज की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए उपस्थित हो गया। मुख्य अतिथि छेरिंग दोरजे उप-महानिरीक्षक, क्षेत्रीय मुख्यालय (विशेष प्रचालन) सशस्त्र सीमा बल गया ने पुष्पगुच्छ देकर समाज की मुख्य धारा में पुनः सम्मिलित किया। इस अवसर पर हरप्रीत कौर वरीय पुलिस अधीक्षक गया, बिहार पुलिस व श्री एच.के गुप्ता कमांडेंट 29वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने संदेश दिया कि समाज से भटके नौजवान जो मुख्य धारा से अलग होकर नक्सलियों का साथ दे रहे है, वो सभी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित हो और अपने परिवार एवं समाज का विकास करें जिसके लिए बिहार पुलिस एवं सभी केन्द्रीय पुलिस बल सदैव तत्पर है। उपर्युक्त कार्यक्रम में मुकेश कुमार गुप्ता, 159 वाहिनी सी आर पी एफ. रूप नारायण बिरोली, द्वितीय कमांड अधिकारी, कोबरा टी राजेश पाल, द्वितीय कमांड अधिकारी एस एस बी ज्ञानेन्द्र कुमार, उप कमांडेंट एस. एस. बी के अतिरिक्त एस एस बी, पुलिस सी आर पी एफ के कई अधिकारी उपस्थित रहे।