
टिकारी संवाददाता: टिकारी में आनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय के उद्घाटन के बाद सोमवार को कार्य प्रारंभ हो गया। न्यायालय परिसर में बहुत तो नही लेकिन सामान्य रुप से चहल पहल देखी गयी। वीरान परिसर में वकीलों, मुअक़्क़ीलों के साथ अलग नजारा देखने को मिला। हालांकि न्यायालय में अभिलेखों के नही आने के कारण कोर्ट का कोई काम शुरू नही हो सका। न्यायाधीश सहित न्यायालय के अन्य कर्मी कार्यालय में ससमय उपस्थित दिखे। गया न्यायालय से टिकारी कोर्ट के लिए रेकॉर्ड को स्थान्तरित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अभिलेखों के अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में स्थान्तरित हो जाने पर सुनवाई के कार्य भी शुरू हो जाएगा। अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में अनुमंडल के टिकारी, कोंच, गुरारू एवं परैया अंचल अंतर्गत विभिन्न थानों के दीवानी मामले की सुनवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार अनुमंडल के लगभग 1500 दीवानी मामले गया न्यायालय में विचारधीन है। जिनके अभिलेख अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में स्थान्तरित किया गया है।
वकालतखाना के जीर्णोद्धार की मांग
टिकारी बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने बैठने के लिए बनाये गये वकालतखाना परिसर का जीर्णोद्धार करने की मांग की है। साथ ही जगह का विस्तार करने की भी मांग की है। ताकि अधिकवक्ताओं को बैठने का सुलभ स्थान मिल सके। अधिवक्ता संघ से जुड़े नोटरी पदाधिकारी कपिल प्रसाद ने बताया कि अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय के आ जाने से अधिवक्ताओं में खुशी है। अब यंहा अधिवक्ताओं की संख्या में वृद्धि होगी। वर्तमान में बार एसोसिएशन से कुल 85 अधिवक्ता निबंधित है। स्थानीय प्रशासन से वकालतखाना का जीर्णोद्धार, जगह वृद्धि करना एवं बारिश के दिनों में परिसर में होने वाले जल जमाव की समस्या का समाधान कराने की मांग की गई है। एसोसिएसन के कार्यकारी अध्यक्ष ललन कुमार चौधरी व सचिव नागेश्वर पासवान ने बताया कि अधिकवक्ताओं की समस्या से न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह व जिला जज को भी अवगत कराया गया है।