वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल


आसन्न नगरपालिका चुनाव 2022 को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें बताया गया है कि डिप्टी मेयर का पद भी आरक्षित वर्ग की श्रेणी में होगा। गया सहित राज्य के 13 नगरपालिका (जिसमें तीन नवसृजित) में होने वाले निकाय चुनाव में एक बात पहले ही साफ हो गया है कि मेयर (मुख्य पार्षद) और डिप्टी मेयर(उप मुख्य पार्षद) पद के लिए जो इस बार चुनाव होंगे, उन्हें निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता चुनेंगे। इसके लिए अंतिम मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन इसी महीने के अंत तक किए जाने की बात है। अब जो एक अखबार में बात आई है, उसे यदि आधार माना जाए तो डिप्टी मेयर का पद भी आरक्षण के दायरे में लाने की बात है। इस परिप्रेक्ष्य में यदि हम गया नगर निगम की बात करें तो सोशल मीडिया के माध्यम से डिप्टी मेयर पद के लिए स्वयं कई लोग उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं। हर दिन अपनी बात रखते हुए मतदाताओं से “आशीर्वाद ” भी मांग रहे हैं। यदि मीडिया रिपोर्ट की बात सही मान लिया जाता है और गया नगर निगम के लिए यदि आरक्षण का प्रावधान लागू किया जाता है तो स्वयं घोषित उम्मीदवार इस रिपोर्ट से गहरा झटका महसूस कर रहे होंगे। यहाँ एक बात स्पष्ट करते हुए कहना है कि एक अखबार में छपी खबर को मगध लाइव न तो पुष्टि करता है और न इस खबर से सहमत है। जब तक राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरपालिका चुनाव 2022 के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं होती है, तब तक इस संबंध में कुछ कहना गलत होगा। बहरहाल, गया नगर निगम का पिछला चुनाव 2017 में जो हुआ था, उसमें मेयर का पद अनुसूचित जाति के वार्ड पार्षद के लिए आरक्षित था। डिप्टी मेयर का पद सामान्य वर्ग के लिए था। इन दोनों पदों पर क्रमशः बीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान और अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव वार्ड पार्षदों द्वारा चुने गए थे। यदि डिप्टी मेयर का पद आरक्षित श्रेणी के दायरे में आ जाता है तो मोहन श्रीवास्तव के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएगी। वहीं जो सामान्य वर्ग से आनेवाले संभावित उम्मीदवार हैं, उनका भी डिप्टी मेयर बनने का सपना पूरा नहीं हो सकेगा। राज्य में चुनाव के लिए जो आरक्षण की श्रेणी तय की गई है, उसमें महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (एनेक्चर-1) शामिल हैं। ऐसे में गया नगर निगम में डिप्टी मेयर पद के लिए होने वाला चुनाव रोचक हो जाएगा।