
इंसाफ हुआ, षड्यंत्र बेनकाब हुआ। जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया। साबित हो गया फर्जी मुकदमा में मुझे कैद किया गया था। न्यायालय के प्रति आभार! मैं रुकूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं, थकूंगा नहीं, लड़ता रहूंगा! आज से फिर संघर्ष पथ पर आगे बढूंगा।
– पप्पू यादव
न्यूज़ डेस्क : इस वक़्त की बड़ी खबर, जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को 5 महीने बाद न्यायालय से जमानत मिल गयी है। इस खबर के बाद जाप समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। ज्ञात हो 32 साल पुराने एक मामले में 5 महीने से जेल में थे। पप्पू यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा है कि ” इंसाफ हुआ, षड्यंत्र बेनकाब हुआ। जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया। साबित हो गया फर्जी मुकदमा में मुझे कैद किया गया था। न्यायालय के प्रति आभार! मैं रुकूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं, थकूंगा नहीं, लड़ता रहूंगा! आज से फिर संघर्ष पथ पर आगे बढूंगा।”

इंसाफ हुआ, षड्यंत्र बेनकाब हुआ। जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया। साबित हो गया फर्जी मुकदमा में मुझे कैद किया गया था। न्यायालय के प्रति आभार!
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) October 4, 2021
मैं रुकूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं, थकूंगा नहीं, लड़ता रहूंगा! आज से फिर संघर्ष पथ पर आगे बढूंगा।
वहीं जाप प्रमुख के जमानत मिलने के बाद उनकी पत्नी सह पूर्व सांसद रंजीता रंजन ने ट्वीट करते हुए कहा कि “पूर्व सांसद पप्पू यादव जी पूरे पांच महीने बाद 32 साल पुराने फर्जी मुकदमे में दोषमुक्त साबित हो रिहा हुए। जनता और न्यायालय के प्रति आभार! लेकिन हम इस तानाशाही और जुल्म को न भूले हैं, न भूलेंगे! जनता माफ नहीं करेगी।”
पूर्व सांसद पप्पू यादव जी पूरे पांच महीने बाद 32 साल पुराने फर्जी मुकदमे में दोषमुक्त साबित हो रिहा हुए। जनता और न्यायालय के प्रति आभार!
— Ranjeet Ranjan (@Ranjeet4India) October 4, 2021
लेकिन हम इस तानाशाही और जुल्म को न भूले हैं, न भूलेंगे! जनता माफ नहीं करेगी।
क्या है मामला
करीब 32 साल पहले 29 जनवरी 1989 मधेपुरा के मुरलीगंज थाने में अपहरण का एक केस दर्ज किया गे था। जिसमे शैलेंद्र यादव नाम के एक व्यक्ति ने केस दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि पप्पू यादव ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर राजकुमार यादव औऱ उमा यादव नाम के दो व्यक्तियों का अपहरण कर लिया है। पुलिस जब तक कुछ कार्रवाई करती उससे पहले अपहृत बताये जा रहे दोनों व्यक्ति सकुशल अपने घर वापस लौट आये। लेकिन पुलिस का केस चलता रहा। पुलिस ने उस वक्त प्राथमिकी दर्ज होने के तीन महीने बाद पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में कुछ दिनों तक जेल में रहने के बाद पप्पू यादव बेल पर रिहा होकर बाहर चले आय़े।