
पढ़िए निगमायुक्त ने क्या कहा इसके बारे में, निगम बोर्ड के पांच साल के कार्यकाल हुए पूरे
वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
शुक्रवार से यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर गया नगर निगम कार्यालय परिसर में वार्ड पार्षदों के बैठक वाले सभागार के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला क्यों लगा है? दरअसल, इसके बारे में magadhlive के इस संवाददाता ने इसका जवाब जानने के लिए कई वार्ड पार्षदों से यही सवाल किया कि आखिर सभागार में क्यों ताला जड़ दिया गया है तो ने कहा कि इसके बारे में सुना है, आधिकारिक पुष्टि हो जाने के बाद ही कुछ कह सकते हैं। यह कहना था पार्षद प्रमिला देवी पटवा का। वार्ड 38 के पार्षद संतोष कुमार के प्रतिनिधि ने कहा कि उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं, लेकिन पता कर बताता हूं। वार्ड पार्षद धर्मेन्द्र कुमार का कहना था कि सदन एक मंदिर है और इसमें वार्ड पार्षदों का आना जाना ही बंद है तो इसे इसलिए बंद कर दिया गया है ताकि निगम कार्यालय में कार्यवश आने वाले लोग इस सभागार में प्रवेश नहीं करें। चोरी की भी आशंका जताई है और कहा कि इसीलिए सदन में ताला जड़ दिया गया है। लेकिन magadhlive इनकी जवाब से संतुष्ट नहीं था तो यही सवाल नगर निगम की आयुक्त अभिलाषा शर्मा से जानने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि सभागार में ताला लगा दिया गया है। क्योंकि निगम बोर्ड के पांच साल के कार्यकाल 24 जून को पूरा हो चुका है। उन्होंने magadhlive को जो जवाब दिया वह हू ब हू इस प्रकार है- Yes. Waiting for official order to open it again. बताते चलें कि 2017 में संपन्न निगम चुनाव के बाद निगम बोर्ड की पहली आधिकारिक बैठक 24 जून 2017 को हुई थी। वार्ड पार्षदों को 9 जून को उनके पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई थी। इसी दिन वार्ड पार्षद बीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान निर्विरोध मेयर चुने गए थे जबकि वार्ड पार्षद अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव वार्ड पार्षद राहुल कुमार को हराकर डिप्टी मेयर चुने गए थे। इस बार नगर निकाय चुनाव 2022 के बारे में अबतक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इस बार मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव वार्ड पार्षद नहीं बल्कि मतदाता करेंगे।