न्यूज डेस्क मगध लाइव
बिहार के गया जिले में न्यायालय ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए पुत्री के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी पिता को आजीवन कारावास (Till death) की सजा सुनाई है। इस चर्चित कांड में सजा के ऐलान के बाद गया में इस फैसले को लेकर चर्चा हो रही है कि कानून की नजर से दोषी नहीं बच सकता। गया व्यवहार न्यायालय ने गुरुवार को नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म करने व गर्भपात कराने के मामले में आरोपित पिता को सजा सुनाई है। पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सह एडीजे-7 नीरज कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया। मामला गया जिले के नीमचक बथानी अनुमंडल क्षेत्र से जुड़ा है। न्यायाधीश ने आरोपित पिता सुरेंद्र पासवान को दोषी करार देते हुए 31 जनवरी को सजा की बिंदू पर सुनवाई पूरी करने के बाद 3 फरवरी को सजा का ऐलान किया। आरोपित पिता गया के केंद्रीय कारा में 21 जुलाई 2020 से बंद है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया पूरी कराई गई। पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक अधिवक्ता सुनील कुमार ने बताया कि इस मामले में कई लोगों की गवाही हुई। जिसमें दोषी पिता के दो पुत्र और दो और पुत्रियों ने भी अपने पिता के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी थी। पीड़िता ने पिता पर आरोप लगाई थी कि करीब एक साल से उसके साथ दुष्कर्म किया जा रहा था। इस बीच जब वह गर्भवती हो गई तो पिता ही उसे पड़ोस के एक जिले के एक निजी नर्सिंग होम “प्रिया हॉस्पिटल” में गर्भपात कराने ले गए थे। इस बात की जानकारी उसके मामा को मिल गई थी। जहां से उसे मामा थाना ले गए थे। जहां पीड़िता ने अपने पिता के विरुद्ध इस घृणित कार्य करने के खिलाफ कांड दर्ज कराया था। पोक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार ने बताया कि न्यायाधीश ने 6 पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास(Till death) और 25 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया है। यह राशि नहीं भुगतान किए जाने पर तीन महीने का कारावास और आईपीसी की धारा 312(गर्भपात कराने) के मामले में 7 साल की सजा के साथ 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। राशि नहीं भुगतान किए जाने की दशा में एक महीने कारावास की सजा अतिरिक्त होगी। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता फिरोज आलम ने अपना पक्ष रखा। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई पूरी कर लिए जाने के बाद न्यायालय ने सजा सुनाई है।