

डुमरिया प्रखंड के मौनबार में नक्सलियों द्वारा अंजाम दिए गए हत्याकांड के बहत्तर घंटे पूरे हो चुके हैं। नक्सली कार्रवाई में एक ही परिवार के चार लोग मारे थे तथा घर को आग के हवाले कर दिया गया था। आगजनी से घर में रखा सारा सामान और अनाज जल कर राख हो गया था। केवल परिवार के बचे हुए सदस्यों के तन पर कपड़े बचे हुए हैं। नक्सली फरमान के मद्देनजर परिवार पलायन कर के निकट के गांव में रिश्तेदार के घर में शरण लिए हुए है। घटना के बहत्तर घंटे बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिल पाई है। पीड़ित परिवार सरकारी सहायता की आस लगाए बैठा है। बच्चे राहत सामग्री लाने वाले की राह देख रहे हैं। खुशी और ग़म में साथ खड़े होने का दम भरने वाले जन प्रतिनिधि गांव में झांकने नहीं आ रहे हैं। पंचायत चुनाव के लिए वोट मांगने आने वाले उम्मीदवारों का कोई अता पता नहीं है। पीड़ित परिवार को तत्काल मिलने वाली पारिवारिक लाभ की राशि अभी तक पीड़ित परिवार तक नहीं पहुंची है। पीड़ित परिवार ने जिस रिश्तेदार के घर शरण लिया है उस परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में परिवार भूखे रहने को मजबूर है।
रिपोर्ट – दिवाकर मिश्रा, डुमरिया