गया कॉलेज, गया के 79 वें स्थापना दिवस पर बिहार विधानपरिषद के सभापति व मंत्री सहित कई रहे उपस्थित
वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

गया कॉलेज गया के 79 वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन मुंशी प्रेमचंद सभागार में किया गया। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि अवधेश नारायण सिंह सभापति बिहार विधान परिषद तथा विशिष्ट अतिथि मंत्री डॉ संतोष कुमार सुमन लघु सिंचाई एवं अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण बिहार सरकार एवं प्राचार्य डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा ने संयुक्त रुप से नवनिर्मित समाजशास्त्र भवन का उद्घाटन किया। इसके उपरांत अतिथियों ने परिसर में लगी हुई गोवर्धन दास डालमिया मुंशी प्रेमचंद एवं स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के उपरांत समारोह का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर बीएड विभाग की छात्राओं ने कुल गीत एवं अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत की प्रस्तुति की ।प्राचार्य डॉ सिन्हा ने आगत अतिथियों को अंग वस्त्र पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। प्राचार्य डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि 8 फरवरी 1944 को इस महाविद्यालय की स्थापना हुई थी। मैं ऋणी हूं सेठ गोवर्धन दास डालमिया एवं उनके परिवार का जिन्होंने इतने बड़े भूखंड को गया कॉलेज के निर्माण के लिए दान में दी थी। तब से अब तक महाविद्यालय शिक्षण अधिगम से लेकर खेलकूद कला संस्कृति एवं संगीत जैसे विभिन्न विधाओं में राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा रहा है। छात्र शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के परस्पर सहयोग से महाविद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

समारोह के विशिष्ट अतिथि मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि मैं महाविद्यालय परिवार का एक सदस्य हूं। मेरी हार्दिक इच्छा है कि मैं महाविद्यालय को अपने शैक्षणिक सेवाएं दूं। प्राचार्य डॉ. दिनेश प्रसाद सिन्हा के नेतृत्व में महाविद्यालय में जिस प्रकार पठन-पाठन का माहौल कायम हुआ है, इसके लिए बधाई के पात्र हैं। शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष निरंजन प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि महाविद्यालय के दैनिक कार्यों के निष्पादन में कई प्रकार की समस्याएं सामने आ रही है। कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनके स्थान पर नई नियुक्तियां नहीं हो रही है। अतः कार्यरत लोगों पर कार्यभार निरंतर बढ़ते चला जा रहा है। छात्राओं द्वारा फी न लिए जाने के कारण महाविद्यालय पर आर्थिक संकट गहराता चला जा रहा है। मुख्य अतिथि बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि समस्त शैक्षणिक संस्थानों के प्रति मेरी एक सम्मानजनक दृष्टि रहती है। आज मैं जो कुछ भी हूं शिक्षा और संघर्ष की बदौलत ही हूं। शिक्षा से संपन्नता आती है और आर्थिक उन्नति का भी मार्ग प्रशस्त होता है। शिक्षा का सदैव समाज में सम्मान होना चाहिए। आवश्यकता इस बात की है कि शिक्षक महाविद्यालय में पठन-पाठन का माहौल बनाएं। शिक्षक का पद सदैव समाज के किसी भी अन्य व्यक्ति या पद से ऊंचा होता है। क्योंकि शिक्षक ही राष्ट्र के निर्माता होते हैं। शिक्षा का मूल उद्देश्य यह भी होना चाहिए कि जीवन शैली में स्वयं के लिए सम्मान और दूसरों के लिए भी सम्मान की भावना होनी चाहिए। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि छात्र, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी स्वयं इस बात का मूल्यांकन करें कि उन्होंने इस महाविद्यालय के विकास में क्या योगदान किया है। इस अवसर पर इस बात के लिए संकल्प लें कि भविष्य में इसे और बेहतर बनाने में अपना योगदान सुनिश्चित करेंगे। अपने उद्बोधन के क्रम में श्री सिंह ने कहा कि बच्चियों द्वारा यदि महाविद्यालय को फी जमा की जाती है तो सरकार से राशि वापस आने के बाद सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजे जाने की व्यवस्था हो। समाज को आज इस बात के लिए जागरूक होना चाहिए कि बच्चियों की शिक्षा नितांत आवश्यक है। उन्होंने सरकार की बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे की भी वकालत की। इस अवसर पर महाविद्यालय में सड़क के निर्माण के लिए उन्होंने 10 लाख की राशि आवंटित करने के बात भी कही। इस अवसर पर कला भारती के समन्वयक डा. अरविंद कुमार सुनील के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति के क्रम में लता मंगेशकर के गाए हुए गीतों से श्रोताओं का दिल जीत लिया। शालिनी सिंह एवं उनकी टीम ने इस में अग्रणी भूमिका निभाई। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह रसायन शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र कुमार सिंह ने किया। इस मौके पर एनएसएस के स्वयंसेवकों ट्विंकल, रक्षिता, विशाल राज, सावन, अभिषेक तथा शिवा श्री नैंसी को सम्मानित भी किया गया। जानकारी महाविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. धनंजय धीरज ने साझा की।