नरसिम्हानंद और प्रबोधानंद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई

कुछ दिन पहले उत्तराखण्ड के हरिद्वार में आयोजित तथाकथित धर्म संसद से अल्पसंख्यकों के विरुद्ध कथित आह्वान के विरोध में गया शहर के टावर चौक पर भाकपा माले, ऐपवा, इनौस व आईसा के लोगों ने प्रदर्शन किया। नेताओं ने कहा इसके जरिये धर्मोन्माद पैदा करने की कोशिशों के खिलाफ देशव्यापी विरोध शुरू हो गया है। गया में भाकपा(माले), आइसा, ऐपवा और इनौस ने इसके खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध किया और यह ऐलान किया कि गांधी और अम्बेडकर के देश में गोडसे का अभियान नहीं चलने वाला है।
वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

गया में मार्च अम्बेडकर पार्क से निकलकर टावर चौक तक गया। जहां एक सभा भी हुई। सभा को संबोधित करते हुए माले के जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि यह ताज्जुब की बात है कि संविधान का माखौल उड़ाने वाले और देश की गंगा-जमुनी तहजीब व एकता को तोड़ने वाले ऐसे ताकतों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जो खुलेआम कत्लेआम का आह्वान कर रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि अभी क्रिसमस त्योहार पर भी एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया गया है। देश की जनता गंगा-जमुनी तहजीब के पक्ष में है और धर्म के नाम पर भड़काए जा रहे उन्माद का मुकम्मल जवाब दिया जायेगा। अल्पसंख्यक के ख़िलाफ़ खुलेआम नफ़रत भरी बातें करने वाले कट्टर हिन्दुत्ववादी नेता यति नरसिम्हानंद और प्रबोधानंद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि गांधी और अम्बेडकर का भारत एक धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक देश है। इस देश में धर्म के नाम पर जनता को बांटने की साजिश हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे। कार्यक्रम में ऐपवा जिला सचिव रीता वर्णवाल, रामचंद्र प्रसाद, आनंद कुमार, ऐक्टू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्यामलाल प्रसाद, इनौस राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर, जियालाल प्रसाद, शम्भू राम, व्रती देवी, मो. अज़ीम, बड़न दास, आइसा के मो. शेरजहाँ, ज़ाकिर, रामाशीष, अरशद, सनाउल्लाह, गोपाल प्रसाद, अशोक मांझी सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।