
अजीत कुमार, बेलागंज
आढ़तपुर पुलिस बर्बरता कांड के खिलाफ सोमवार को भाकपा-माले के बेलागंज बंद का व्यापक असर रहा। बंद समर्थक माले कार्यकर्ता सुबह 10 बजे से सड़क पर उतर गए व बंद कराने में जुट गए। बेलागंज बाजार की सभी दुकानें बंद रही, पटना-डोभी एनएच-83को थाना के पास 12 से 02 बजे तक जाम किया गया।बंद समर्थक थाना के पास सड़क पर बैठ गए व जमकर नारेबाजी होती रही। आम ग्रामीण भी बंद के समर्थन में बड़ी संख्या में उतरकर इसे सफल बनाने में उतरे। राजद कार्यकर्ता भी माले के बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे।
इससे पहले डाकबंगला से बेल्हाड़ी मोड़ तक बंद समर्थकों ने मार्च निकाला और लोगों से बंद के समर्थन में आने की अपील की।
बंद के दौरान सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के प्रखंड सचिव मुन्द्रिका राम ने कहा की आढ़तपुर की घटना ने नीतीश सरकार के जनविरोधी चेहरे को सामने लाया है। 2015 से ही ग्रामीण इस मुद्दे को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। यह प्रशासन की विफलता है जो अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ।जो मुद्दा बातचीत से हल हो सकता था। प्रशासन ने उसके लिए लाठी-गोली और टकराव का रास्ता चुना। वहीं ऐपवा जिला सचिव रीता वर्णवाल ने कहा की आढ़तपुर में महिलाओं की बर्बर पिटाई ने महिला सशक्तिकरण की पोल खोलकर रख दी है।न्याय के साथ विकास महज एक ढोंग बनकर रह गया है। पुलिस-प्रशासन आम लोगों के बजाय बालू माफिया का पक्ष ले रही है।
युवा संगठन इनौस के राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर ने घटना के जिम्मेदार मेन थानाध्यक्ष की बर्खास्तगी, दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई, जेल गए सभी 10 ग्रामीणों की अविलम्ब रिहाई व आढ़तपुर के ग्रामीणों की सभी मांगो को पूरा करने की मांग दोहराई। इनौस राज्य परिषद सदस्य रवि कुमार ने कहा की पुलिस-प्रशासन बालू माफिया का संरक्षक बन गई है। लोगों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
कार्यक्रम में किसान नेता उपेंद्र यादव, आइसा नेता मो. शेरजहाँ, खुशबू कुमारी, नादिर समर, रसोइया संघ के अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद, सचिव विभा भारती, गुल्लू जी, युवा राजद अध्यक्ष संजय यादव, राजद अध्यक्ष कृष्णा यादव, रिंकू देवी, फुलवा देवी एवं बेलागंज के मंटू पासवान, गिरिजा मांझी, संजय दास, मालती देवी सहित आढ़तपुर के पीड़ित ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद थे।