

सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विकास अध्ययन विभाग द्वारा एक इंडक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विकास अध्ययन एक सामान्य विषय नहीं है, बल्कि यह सरल और सादगीपूर्ण पाठ्यक्रम है। यह एक कटु सत्य है कि गंगा के मैदानी इलाक़े पुरे विश्व में सबसे ज़्यादा उपजाऊ है। लेकिन ये भी सच है कि यंहा विश्व में सबसे ज़्यादा उत्पादन नहीं हैं। विवि के विकास अध्य्यन विभाग द्वारा एमए एवं पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले नए विद्यार्थियों के लिए आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम में विभाग के छात्रों एवं प्राध्यापकों के साथ अन्य सामाजिक विज्ञान विभागों के संकाय सदस्य उपस्थित थे। बतौर मुख्य अतिथि कुलपति ने अपनी अनूठी शैली में विकास अध्ययन क्षेत्र से जुड़े कई पहलुओं को साझा किया।
इस अवसर पर विभाग के अध्यक्ष प्रो० कृष्णन चालिल ने विभाग द्वारा लिए गए प्रमुख पहलों के बारे में अवगत कराया। जिसमें डीवीएस ब्लॉग, वर्किंग पेपर सीरीज़ और मासिक न्यूज़ लेटर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि न्यूज़ लेटर के माध्यम से विभाग का बाहरी योजनाकारों और गैर सरकारी संगठनों से जुड़ाव पैदा होगा। वक्ता एवं अतिथि के रूप में उपस्थित विवि के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो० आतिश पाराशर ने अपने सम्बोधन में विकास अनुसंधान की रिपोर्टिंग में मीडिया नैतिकता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया दिया। वहीँ प्रॉक्टर प्रो० उमेश सिंह ने कम्युनिटी डेवलपमेंटल में पारिस्थितिक नैतिकता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक आदित्य मोहंती और धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव एवं सहायक प्राध्यापिका डॉ० फिरदौस फातिमा रिजवी ने किया।
रिपोर्ट – आलोक रंजन ,टिकारी अनुमंडल संवाददाता