वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल



केंद्र सरकार द्वारा अग्नि वीरों के लिए एक नई स्कीम लेकर आई है। जिसका नाम अग्निपथ दिया गया है। इस योजना को लेकर बिहार सहित पूरे देश में युवाओं का विरोध जारी है। गुरुवार को जहां गया जिला सहित बिहार के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। रेलमार्ग से लेकर सड़क मार्ग तक विरोध प्रदर्शन के कारण यातायात बाधित रहा। विधि व्यवस्था को लेकर डीएम से लेकर एसएसपी तक परेशान दिखे। आम आदमी को इस विरोध प्रदर्शनों के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा। ट्रेनें प्रभावित हुई। तोड़फोड़, आगजनी आदि को लेकर लोग हलकान रहे। अब छात्र संगठन आइसा और आरवाईए ने एक पोस्टर शुक्रवार को सोशल मीडिया पर जारी करते हुए 18 जून को बिहार बंद का एलान किया है। वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी एक ट्वीट कर इस योजना पर अपना विरोध जताते हुए, इस योजना को वापस लेने और पुरानी भर्ती प्रक्रिया को पुनर्बहाली की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है। जबकि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है, जिसने भी इस योजना को लेकर अपना विरोध प्रकट किया है। गुरुवार को गया शहर में इस स्कीम को लेकर कोई बड़ी बात नहीं हुई थी। लेकिन पिछले दिनों आरआरबी एनटीपीसी की भर्ती परीक्षा को लेकर जो गया जंक्शन पर और यार्ड में जो हुआ था, वो प्रशासन को भली भांति याद ही होगा। उस समय गया के जिलाधिकारी अभिषेक कुमार और एसएसपी आदित्य कुमार थे। आज जबकि जिले के डीएम और एसएसपी दोनों बदल गए हैं। वहीं रेल प्रशासन ने गुरुवार के विरोध प्रदर्शन को लेकर जो एहतियात बरतने का काम किया, उससे बड़ी कोई घटना रेल में नहीं हुई। अब जबकि 18 जून को बिहार बंद का ऐलान कर दिया गया है तो जिला और रेल प्रशासन को पूर्व की घटना को लेकर विशेष अलर्ट रहने की जरूरत है।