
रिपोर्ट – दिवाकर मिश्रा ,डुमरिया
डुमरिया प्रखंड में उच्च शिक्षा का अभाव है। उच्च विद्यालय में शिक्षकों की कमी है वही मैट्रिक पास करने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्र छात्राओं को शेरघाटी और गया में रहकर पढ़ाई पूरी करनी पड़ती हैं। आर्थिक रूप से कमजोर छात्र छात्राओं को परेशानियों से जूझना पड़ता है। किसी तरह निजी विद्यालयों और कोचिंग से पढ़ाई पूरी कर मैट्रिक परीक्षा पास कर जाते हैं किंतु इंटर और बीए की पढ़ाई के लिए अभिभावकों के बीच समस्या उत्पन्न हो जाती हैं। दो लाख से ऊपर की आबादी वाला डुमरिया प्रखंड में शिक्षा, और स्वास्थ्य की जरूरत पूरी नही हो पाती हैं।आजादी के 73साल बीत जाने के बाद भी डुमरिया में विकास कार्य , शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार ध्यान नहीं दी है।

महाविद्यालय के अभाव में बहुत से छात्र छात्राओं की पढ़ाई पूरी नही हो पाती है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा नही मिल पाता है। सरकार के लाख दावे के बाद भी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल पाना मुश्किल होता है। जनता उच्च विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापकऔर विद्यालय के संस्थापक विश्व देव मिश्रा ने बताया कि पचास साल पहले डुमरिया में एक भी उच्च विद्यालय नही था। 1973 में चंदा की राशि से जनता उच्च विद्यालय डुमरिया का निर्माण करवाया गया था।घर घर जाकर चंदा लिया गया और उच्च विद्यालय का निर्माण किया गया। आज एक महा विद्यालय की आश्यकता है। सरकार सिर्फ उच्च विद्यालय को उत्क्रमित कर +10कर दिया गया किंतु शिक्षकों की नियुक्ति नहीं किया गया।समाज सेवी परवेज खान, मसूद खान, देव मुकुंद पाठक निर्मल, सीताराम प्रसाद दांगी, चंद्रकांत प्रसाद वर्मा, सुनील कुमार वर्मा, उपेंद्र कुमार सिंह, राम पारीखा सिंह, अनुज कुमार पाठक, दुर्गा सिंह इत्यादि ने सरकार से डुमरिया में एक महा विद्यालय की मांग किया है जिससे छात्र छात्राओं का भविष्य उज्ज्वल हो।