स्टेशन मास्टरों ने रात्रि भत्ता के विरोध में मोमबत्ती जलाकर अपनी ड्यूटी निभाई
मगध लाइव वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
गुरुवार को शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक भारतवर्ष के सभी स्टेशन मास्टर अपने केंद्रीय कार्यकारिणी AISMA के निर्णय के अनुसार सीलिंग रुपए 43600 बेसिक के अनुसार रात्रि भत्ता के विरोध में मोमबत्ती जलाकर अपनी ड्यूटी निभाई।
स्टेशन मास्टर सहित सभी रेल कर्मचारियों को रात्रि भत्ता सातवें पे कमिशन के अनुसार RBE order 36/2018 के बेसिक+DA/200 के अनुसार दी जाती थी। लेकिन रेलवे बोर्ड के नए आदेश RBE 83/2020 दिनांक 08/03/2020के अनुसार बेसिक सिलीग रुपए 43600+DA/200 कर दिया गया है, वह भी 2017 से, और सभी रेल कर्मचारियों से इसकी एरियर भी वसूली की जाएगी। इस निर्णय से स्टेशन मास्टरों में काफी रोष है, उनका कहना है कि हम प्रकृति के विरुद्ध कार्य करते हैं, और गाड़ी पर परिचालन हेतु पूरी रात पूर्णता सक्रिय रहते हैं, इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है और इसका खामियाजा हमें जीवन पर्यंत भुगतना पड़ता है,अतः हमें इसमें किसी तरह की कटौती मंजूर नहीं है, इसके लिए ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन केंद्रीय कार्यकारिणी पूरे भारतवर्ष में विरोध करने का निर्णय लिया है, आज इस विरोध कार्यक्रम का तीसरा चरण पूरी तरह सफलता के साथ पूर्व मध्य रेलवे के पांचों मंडल में सफलतापूर्वक किया गया।
प्रथम चरण में 9 अक्टूबर को सभी मंडल सचिव एवं जोनल सचिव द्वारा ईमेल कर CRB,MT,DGRH को सीलिंग को वापस लेने का अनुरोध किया गया था, दूसरे चरण में सभी जोनल पदाधिकारी, मंडल पदाधिकारी, ब्रांच पदाधिकारी द्वारा मंडल एवं जोनल कार्यालय को इसे रद्द करने की संदेश भेजा गया था। गया के PA ऑफिस, RRI, मानपुर से डीडीयू के सभी स्टेशन मास्टर 19 से 21बजे तक मोमबत्ती जला के कार्य किया एवं रात्रि भत्ता सीलिंग का विरोध किया। इस कार्यक्रम में प्रमोद कुमार जोनल महासचिव AISMA ECR, ओमप्रकाश मानव डीडीयू मंडल सचिव, संजय कुमार सिंह DFS, आदि प्रमुख नेताओं ने भी भाग लिया।
AISMA ECR जोनल सचिव प्रमोद कुमार ने बतलाया कि स्टेशन मास्टर को पूरी उम्मीद है की सरकार हमारी भावनाओं को पूरी तरह से समझेगी। अगला कार्यक्रम 20 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक है। इस अवधि में काला रिबन लगाकर कार्य करेंगे।