शेरघाटी संवाददाता प्रदीप भारद्वाज

यूं तो कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन का खामियाजा प्रतिदिन कमाने खाने वाले से लेकर आम आदमी तक को भुगतना पड़ रहा है। पर इसका बड़ा खामियाजा निजी स्कूलों के शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। शेरघाटी में रविवार को स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक हुई। एसोसिएशन के सचिव बीरेंद्र कुमार ने बताया कोरोना काल में लम्बी अवधि तक स्कूल बंद रहने के कारण स्कूल संचालकों के साथ साथ निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की स्थिति काफ़ी दयनीय हो गई है। इस विषय पर अधिकारियों के साथ साथ सरकार के नुमाइंदों और शेरघाटी विधानसभा की विधायक मंजू अग्रवाल को मेमोरेंडम सौंपे जाने का फैसला लिया गया।उन्हें इस परिस्थिति से अवगत कराया जाएगा कि पिछले 8 माह से निजी स्कूल के संचालको के साथ निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। जिन शिक्षकों व संचालकों के पास जो भी कुछ जमापूंजी था लॉकडाउन में समाप्त हो गया है। घर भी चलाना है और मकान मालिक का किराया भी देना है। जबकि पारिश्रमिक व आय के स्त्रोत बंद हो चुके है।